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Diabetes Risk: शहरों में 20 साल की उम्र के लोगों को भविष्य में हो सकता है शुगर का खतरा

Diabetes Risk नए अध्ययन में ये बात सामने आई है कि देश में 20 साल की उम्र के आधे से ज्यादा पुरूष और दो तिहाई महिलाओं को डाइबिटीज की बीमारी हो सकती है। उनमें से अधिकतर लोगों में टाइप टू डाइबिटीज होने की आशंका है।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Wed, 25 Nov 2020 05:07 PM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2020 06:51 PM (IST)
Diabetes Risk: शहरों में 20 साल की उम्र के लोगों को भविष्य में हो सकता है शुगर का खतरा
भविष्य में यबिटीज से बचना है तो लाइफस्टाइल में बदलाव करें।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो बदलते लाइफस्टाइल और खान-पान में बदलाव की वजह से लोगों में तेजी से पनप रही है। ये बीमारी किसी भी उम्र के इंसान को अपनी गिरफ्त में ले रही है। अब एक नए अध्ययन में ये बात सामने आई है कि देश में 20 साल की उम्र के आधे से ज्यादा पुरूष और दो तिहाई महिलाओं को डाइबिटीज की बीमारी हो सकती है। उनमें से अधिकतर लोगों में टाइप टू डाइबिटीज होने की आशंका है। एक रिसर्च में यह दावा किया गया है।

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इस अध्ययन में भारतीय महानगरों में रह रहे किसी भी आयु वर्ग या ‘बॉडी मास इंडेक्स’ के लोगों में उनके जीवनकाल में डाइबिटीज होने की आशंका का आकलन किया गया है। इस अनुसंधान को ‘डायेबेटोलॉजिया’ पत्रिका में प्रकाशित किया गया है।

नई दिल्ली में सेंटर फॉर क्रॉनिक डिजीज कंट्रोल और वैज्ञानिकों ने डायबिटीज के आंकड़ों का आंकलन किया है। वैज्ञानिकों ने कहा है कि देश में करीब 7.7 करोड़ वयस्क डाइबिटीज से पीड़ित हैं और इस वजह से देश पर पहले ही स्वास्थ्य बोझ है। 2045 तक इस संख्या के दोगुना होने की उम्मीद है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि 2045 तक देश में 13.4 करोड़ लोग डाइबिटीज से पीड़ित हो सकते हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक देश में शहरीकरण तेजी से हो रहा है। शहरीकरण ने लोगों का लाइफस्टाइल और खान-पान बदल दिया है, जो बीमारी के बढ़ने का बड़ा कारण है। इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने देश के शहरी हिस्से में उम्र, लिंग एवं बीएमआई आधारित डाइबिटीज की दर का आकलन किया है। यह सेंटर फॉर कार्डियोमेटाबोलिक रिस्क रिडक्शन इन साउथ एशिया के आंकड़ों (2010-2018) पर आधारित है।

अध्ययन के मुताबिक महिलाओं में भी डायबिटीज होने का खतरा अधिक है।

शोधकर्ताओं के मुताबिक डाइबिटीज के प्रसार पर भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के शोध इंडिया डायबीटिज (2008-2015) का विश्लेषण किया गया है। विश्लेषण के आधार पर वैज्ञानिकों ने कहा कि 20 साल के ऐसे पुरूष एवं महिलाएं जिन्हें आज मधुमेह नहीं है, उनमें जीवन काल में यह बीमारी होने का खतरा क्रमश: 56-65 प्रतिशत तक है। इस अध्ययन में यह भी कहा गया है कि पूरे जीवन काल में आम तौर पर महिलाओं को मधुमेह से पीड़ित होने का खतरा अधिक रहता है।

अध्ययन के अनुसार, ऐसे लोग जिनकी उम्र अभी 60 साल है और जिन्हें डाइबिटीज नहीं है उनमें से करीब 38 फीसदी महिलाओं एवं 28 प्रतिशत पुरूषों में यह बीमारी होने का खतरा रहेगा। अध्ययन के मुताबिक मेट्रोपोलिटन शहरों में रहने वाले मोटे लोगों को जिनकी उम्र 20 साल है, उन्हें डायबिटीज होने का खतरा अधिक है। खासकर महिलाओं को शुगर होने का खतरा 86 प्रतिशत एवं पुरूषों में 87 प्रतिशत है।

कम बॉडी मास्क इंडेक्स वाले लोगों को शुगर से कम खतरा

अध्ययन में ये बात सामने आई है कि जिनका बीएमआई कम है उनको डायबिटीज कम होने का खतरा है वैज्ञानिकों ने कहा है कि जिनका बीएमआई सामान्य है,वो लोग भविष्य में डायबिटीज से मुक्त हो सकते हैं। 

                      Written By:Shahina Noor


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