Monsoon Precautions: बारिश के मौसम में कहीं पड़ न जाएं बीमार, जानें किन बातों का ध्यान रखना है ज़रूरी?
Monsoon Precautions रोज़ाना नियमित रूप से स्नान करने से शरीर कीटाणुओं और जीवाणुओं से मुक्त रहता है जिससे त्वचा संबंधी कुछ समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा हाथ पैर अगर गीले हैं तो सूखे तौलिए से ज़रू सुखाएं इससे फंगल संक्रमण से बचा जा सकता है।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Monsoon Precautions: बारिश के मौसम में कीटाणु पनपते हैं, जिससे दस्त जैसे कईसंक्रमण हो सकते हैं। मॉनसून के दौरान हैजा, पेचिश, एसिडिटी, फूड पॉइज़निंग जैसी कई अन्य बीमारियों का ख़तरा बढ़ जाता है। इसलिए पानी के मामले में अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए। डाइट टिप्स के साथ-साथ पर्सनल हाइजीन का भी ध्यान रखना भी उतना ही ज़रूरी हो जाता है। सबसे पहले, खाने से पहले हाथ धोना न भूलें। रोज़ाना नियमित रूप से स्नान करने से शरीर कीटाणुओं और जीवाणुओं से मुक्त रहता है, जिससे त्वचा संबंधी कुछ समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा, हाथ पैर अगर गीले हैं, तो सूखे तौलिए से ज़रू सुखाएं, इससे फंगल संक्रमण से बचा जा सकता है। इस मौसम में मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियां भी आसानी से हो जाती हैं, इसलिए घर के अंदर और आसपास पानी को जमा न होने दें।
डॉ. अनुकल्प प्रकाश (गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, पारस अस्पताल, गुड़गांव) और कोलंबिया एशिया अस्पताल, के कंसलटेट- मेडिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी डॉ. आयुष ढींगरा ने मॉनसून में डाइट में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए, इसे लेकर कुछ सुझाव दिए हैं।
मॉनसून में किन चीज़ों को खाएं?
- डॉ. प्रकाश की सलाह है कि सब्ज़ियों और फलों को अपने आहार में ज़रूर शामिल करें, दाल और चावल जैसे खाद्य पदार्थ खाना भी एक अच्छा विकल्प है।
- मॉनसून के समय ऐसी चीज़ें खाएं जिन्हें आसानी से पचाया जा सकता है। अगर आप हरी पत्तेदार सब्ज़ियां खाते हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप उन्हें खाने से पहले अच्छी तरह से साफ कर लें।
- अपने पाचन तंत्र के रखरखाव के लिए जैतून के तेल, घी या सूरजमुखी के तेल सहित तेलों का प्रयोग करें।
- एक और महत्वपूर्ण चीज जो आपको करनी चाहिए वह है खुद को हाइड्रेट रखना। मानसून के दौरान भी कम से कम 8 से 10 गिलास पानी पीना बहुत जरूरी है। पानी घुलनशील फाइबर और वसा को घुलने में मदद करता है, जिससे उन्हें आसानी से गुजरने में मदद मिलती है।
- डॉ. आयुष ढींगरा ने कहा कि कड़वे और कसैले सब्जियां और ठंडे खाद्य पदार्थ जैसे जौ, ब्राउन राइस और ओट्स मानसून के दौरान पेट के सबसे अच्छे दोस्त होते हैं।
- जहां प्रतिदिन हल्दी की अल्प मात्रा संक्रमण को दूर रख सकती है, वहीं शहद एक उत्कृष्ट टॉनिक है जो आंतों को रोगाणुहीन रखने में मदद करता है। शहद अपने कार्यों को ठीक से और प्रभावी ढंग से करने के लिए पाचन प्रक्रिया में भी सहायता करता है।
इन चीज़ों से बचें
- डॉ. ढींगरा कहा कहना है कि मांसाहारी भोजन से बचना चाहिए।
- साथ ही उनकी सलाह है कि तैलीय या तला हुआ और मसालेदार भोजन बिल्कुल नहीं खाना चाहिए। स्ट्रीट फूड को भी टाला जा सकता है।
- नम महीनों के दौरान गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं आम हैं। इसलिए कटे हुए फलों का सेवन नहीं करना चाहिए।
- बरसात के मौसम में मानव शरीर का पाचन तंत्र कमज़ोर होता है। इसलिए हमेशा हल्का खाना ही बेहतर होता है।
- सरसों का तेल, मक्खन या मूंगफली का तेल शरीर के अंदर गर्मी पैदा करते हैं, इसलिए मॉनसून में इनका उपयोग करने के बजाय, हल्के तेल चुनें जो आसानी से पचने योग्य हों।
- आपको मानसून के दौरान स्ट्रीट साइड फूड्स खाने से बचना चाहिए।
- इसी तरह जिन फलों में पानी की मात्रा अधिक होती है, जैसे तरबूज़, खरबूज़ से भी बचना चाहिए।
- डेयरी उत्पादों का अधिक मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि उनमें कीटाणुओं से संक्रमित होने की अधिकतम प्रवृत्ति होती है।
- क्योंकि मॉनसून आमतौर पर पनी से पैदरा होने वाले रोग ज़्यादा होते हैं, इसलिए इस मौसम में ख़ासतौर पर साफ पानी ही पिएं।
- इस मौसम में बैक्टीरियल इंफेक्शन का डर भी होता है इसलिए स्ट्रीट वेंडर्स से जंक और अन्य मसालेदार चीज़ें खाने से बचना चाहिए। बाहर से सलाद खाना भी एक अच्छा विकल्प नहीं है।