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बढ़ती पेट की चर्बी से हैं परेशान, तो इन आसान आयुर्वेदिक तरीकों से घटाएं वज़न

ज़्यादातर लोगों का मानना होता है कि अब जब अनचाहे फैट की परत आ ही गई है तो अब इसे घटाना बेहद मुश्किल होने वाला है। हालांकि सच यह है कि कुछ समय की मेहनत से आप पेट की चर्बी को घटा सकते हैं।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Tue, 14 Dec 2021 09:00 AM (IST)Updated: Tue, 14 Dec 2021 09:08 AM (IST)
बढ़ती पेट की चर्बी से हैं परेशान, तो इन आसान आयुर्वेदिक तरीकों से घटाएं वज़न
बढ़ती पेट की चर्बी से हैं परेशान, तो इन आसान आयुर्वेदिक तरीकों से घटाएं वज़न

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। पेट की चर्बी का बढ़ना मज़ाक नहीं है। किसी भी व्यक्ति के पेट के आसपास जमा यह फैट एक तो दिखने में अच्छा नहीं लगता और साथ ही सेहत के लिए भी हानिकारक साबित होता है। कमर का बढ़ना आमतौर पर उम्र बढ़ने की निशानी के तौर पर देखा जाता है। हम में से ज़्यादातर लोगों का मानना होता है कि अब जब अनचाहे फैट की परत आ ही गई है, तो अब इसे घटाना बेहद मुश्किल होने वाला है। हालांकि, सच यह है कि कुछ समय की मेहनत से आप पेट की चर्बी को घटा सकते हैं। यह ज़रूरी भी है क्योंकि इससे कई तरह की बीमारियों का जन्म होता है। इसलिए समझदारी इसी में है कि बीमारी का शिकार होने से पहले इस चर्बी से छुटकारा पा लिया जाए।

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रोज़ाना करें 12 सूर्यनमस्कार

सूर्य नमस्कार हार्मोनल संतुलन, चयापचय को ठीक करने / उपचार करने और आंत द्वारा पोषक तत्वों के अवशोषण में सहायता के लिए व्यायाम का सबसे अच्छा रूप है। यह मानसिक स्वास्थ्य, नींद में सुधार करने में भी मदद करता है और आपकी अग्नि को पूरे (इष्टतम पाचन) को पूरी तरह जलाता है, जो ज़िद्दी पेट की चर्बी को आसानी से कम करने में मदद करता है।

100 कपालभाति प्राणायाम

कपालभाति एक तीव्र श्वास लेने की तकनीक है, जिसे अन्यथा स्वचालित सांस लेने की तकनीक के रूप में जाना जाता है। हवा सामान्य रूप से अंदर ली जाती है, फिर पेट की मांसपेशियों की मदद से सांस छोड़ी जाती है। गहरी सांस लेने से फेफड़ों के मृत स्थान सक्रिय हो जाते हैं, इस तरह ऊतकों के ऑक्सीजनकरण में सुधार होता है और पूरे शरीर की सफाई होती है। वैसे तो कपालभाति के फायदे अनेक हैं, लेकिन इसे रोज़ाना करने से ब्लड सर्क्यूलेशन और पाचन में सुधार होता है, जिससे जल्दी डिटॉक्स होता है।

सर्कैडियन इंटरमिटेंट फास्टिंग

इसका मतलब है कि आप कुछ घंटों के लिए उपवास करते हैं और कुछ घंटों के बीच खाते हैं, यह समय आप अपने शरीर के हिसाब से चुन सकते हैं। सर्कैडियन फास्टिंग का मतलब होता है सुरज डूबने के बाद न खाना। CIF में आप 8 घंटे खाते हैं, जिसकी शुरुआत सुबह से होती है और सूरज डूबने से पहले या फिर एक घंटे के अंदर खा लेने से ख़त्म होती है।

गुनगुना पानी पीना

गुनगुना पानी मेटाबॉलिज़म को बेहतर बनाता है, जिससे फैट घटने लगता है, सिर्फ पेट से ही नहीं बल्कि सभी जगह से। इससे पेट फूलना, गैस, भूखन लगना और हर वक्त पेट भरा रहने जैसे दिक्कतें भी ठीक हो जाती हैं।

7-8 घंटे की नींद लेना

आप जितनी अच्छी नींद लेंगे, आपका वज़न उतनी जल्दी घटेगा। रात में 7-8 घंटे की अच्छी नींद लेने से आपका लीवर डीटॉक्स होता है, हार्मोनल संतुलन बना रहता है, वज़न घटता है, मानसिक स्वास्थ बेहतर होता है और शरीर और दिमाग़ को आराम करने का सही वक्त मिलता है।

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।


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