Lohri 2022: सिर्फ मकर संक्रांति पर ही नहीं बाकी दिनों में भी करें तिल का सेवन, जो है बेहद लाभदायक
Lohri 2022 तिल के बीज कई तरह के डिशेज को सर्व करने के साथ उसका स्वाद बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। प्रोटीन फाइबर हेल्दी फैट और एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर तिल और उससे बनी चीज़ें हमारी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होती हैं।
तिल छोटे खाद्य बीज होते हैं जो 'सेसमम इंडिकम' नामक पौधे पर फली में उगते हैं। तिल के पौधे की किस्म या नस्ल के आधार पर बीज कई प्रकार के रंगों में आते हैं, जैसे सफेद, काले तिल और भूरे रंग के बीज। सफेद तिल का छिलका उतार कर इस्तेमाल किया जाता है, जबकि भूरे और काले तिल छिलके सहित।
सफेद तिल में आयरन की मात्रा अधिक होती है और इसका उपयोग ज्यादातर भोजन में या तेल के रूप में किया जाता है। दूसरी ओर, काले तिल ज्यादा स्वादिष्ट होते हैं, उनमें तेज सुगंध होती है और खानपान के साथ ही दवाओं में भी इनका इस्तेमाल किया जाता है। सफेद तिल की तुलना में इनमें 60% ज्यादा कैल्शियम होता है।
तिल से सेहत को होने वाले फायदे
विटामिन बी का स्त्रोत
तिल के बीज विटामिन बी का बड़ा स्रोत हैं। हमारा शरीर विटामिन बी स्टोर नहीं कर सकता, इसलिए हमें इसे आहार और सप्लीमेंट्स के जरिए लेने की जरूरत होती है। तो अलग-अलग तरीकों से तिल के बीज का सेवन करना फायदेमंद रहेगा।
एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर
तिल में लिग्नान एंटीऑक्सिडेंट के रूप में कार्य करते हैं, जो ऑक्सीडेटिव तनाव से लड़ने में मदद करते हैं। इसके अतिरिक्त, तिल में विटामिन ई का एक रूप होता है जिसे गामा-टोकोफेरोल कहा जाता है जो खासतौर से दिल की बीमारियों को दूर रखता है।
फाइबर का खजाना
अच्छे पाचन से लेकर मोटापे तक को दूर रखने के लिए फाइबर को सबसे जरूरी माना जाता है। तो इसकी पूर्ति आप तिल के बीजों से भी कर सकते हैं। तिल के सिर्फ 3 बड़े चम्मच फाइबर के रोजाना आपूर्ति का 12% प्रदान करते हैं।
ब्लड प्रेशर करता है कंट्रोल
तिल के बीज में अच्छी मात्रा में मैग्नीशियम होता है जो रक्तचाप को कम करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, इस बीज में विटामिन ई, लिग्नान और अन्य एंटीऑक्सिडेंट मौजूद होते हैं धमनियों में प्लाक बिल्डअप को रोकने में मदद कर सकते हैं।
कोलेस्ट्रॉल करता है कम
कई अध्ययनों के अनुसार संतृप्त वसा के सापेक्ष अधिक पॉलीअनसेचुरेटेड और मोनोसैचुरेटेड वसा खाने से कोलेस्ट्रॉल कम करने और हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है। तिल के बीज में 41% पॉलीअनसेचुरेटेड वसा, 39% मोनोअनसैचुरेटेड वसा और केवल 15% संतृप्त वसा होता है।
Pic credit- freepik