Balasana Yoga Pose:जानें, बालासन कैसे करें और क्या हैं इसके फायदे
Balasana Yoga Pose यह एक ऐसा योग है जिसे एक ही मुद्रा में किया जाता है। यह एक प्रकार से ध्यान मुद्रा का रूप है जिसमें किसी दोहराव अथवा बदलाव की जरूरत नहीं होती है।
दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Balasana Yoga Pose: बालासन दो शब्दों से मिलकर बना है। इसका शाब्दिक अर्थ बच्चे की तरह बैठना है। इस मुद्रा में बच्चे अधिक रहते हैं। इस योग के बारे में कहा जाता है कि इसे शीर्षासन के बाद जरूर करना चाहिए। बालासन सुबह में जगने के समय जरूर करना चाहिए। आइए जानते हैं कि बालासन कैसे करें और इसके क्या फायदे हैं-
बालासन क्या है
यह एक विन्यास योग है, जिसे कम से कम 3 मिनट तक जरूर करना चाहिए। यह एक ऐसा योग है, जिसे एक ही मुद्रा में किया जाता है। यह एक प्रकार से ध्यान मुद्रा का रूप है, जिसमें किसी दोहराव अथवा बदलाव की जरूरत नहीं होती है। इस योग से जांघों, कूल्हों और टखनों में खिंचाव पैदा होता है।
बालासन कैसे करें
इसके लिए सबसे पहले किसी स्वच्छ वातावरण में दरी अथवा चटाई बिछा लें। अब सूर्य की ओर मुखकर अपने पैरों को मोड़कर वज्रासन मुद्रा में बैठ जाएं। इसके बाद सांस लेते वक्त अपने दोनों हाथों को ऊपर ले जाएं। जबकि सांस छोड़ते समय आगे की तरफ झुकें। यह क्रम तब तक जारी रखें। जब तक आपकी हथेलियां ज़मीन को न छू जाएं।
इसके बाद अपने सिर को ज़मीन पर टिका दें। इस मुद्रा में आने के बाद शरीर को अनवरत छोड़ दें और आराम महसूस करें। सांस लें और सांस छोड़ें। हालांकि, सांस आराम से लें। इसमें कोई जल्दबाजी न करें। इस मुद्रा में 1 से 3 मिनट तक रह सकते हैं। इसे रोजाना कम से कम 5 बार जरूर करना चाहिए।
बालासन के फायदे
इस योग के कई फायदे हैं। इस योग को करने से संपूर्ण शरीर में रक्त का संचार होता है। जबकि जांघों, कूल्हों और टखनों में मजबूती आती है। किसी प्रकार के तनाव से मुक्ति मिलती है। इस योग से आंतरिक और बाह्य शरीर का मसाज भी हो जाता है। जबकि कमर दर्द में भी राहत देता है।