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Coronavirus Severe Symptoms: 4 वजह जिनके कारण हल्के कोविड-19 लक्षण बन जाते हैं गंभीर!

Coronavirus Severe Symptoms कोविड-19 के 80 प्रतिशत मामले हल्के लक्षणों वाले हैं लेकिन इसके बावजूद अस्पताल में बढ़ते मरीज़ और कोविड के गंभीर मामले मेडिकल एक्सपर्ट्स के लिए चिंता बने हुए हैं। 4 वजह जिनके कारण कोविड-19 के हल्के लक्षण गंभीर हालत में बदल जाते हैं।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Mon, 30 Nov 2020 03:00 PM (IST)Updated: Mon, 30 Nov 2020 04:19 PM (IST)
Coronavirus Severe Symptoms: 4 वजह जिनके कारण हल्के कोविड-19 लक्षण बन जाते हैं गंभीर!
4 वजह जिनके कारण हल्के कोविड-19 लक्षण बन जाते हैं गंभीर!

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Coronavirus Severe Symptoms: दिल्ली सहित एनसीआर इलाके में कोरोना वायरस की तीसरी लेहर शुरू हो चुकी है। इस जानलेवा संक्रमण के मामले एक बार फिर तेज़ी से बढ़ रहे हैं, अस्पताल फिर मरीज़ों से भर गए हैं और वहां भर्ती होना फिर मुश्किल हो गया है। यहां तक कि कई हल्के मामले गंभीर हो रहे हैं। 

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हालांकि, कोविड-19 के 80 प्रतिशत मामले हल्के लक्षणों वाले हैं, लेकिन इसके बावजूद अस्पताल में बढ़ते मरीज़ और कोविड के गंभीर मामले मेडिकल एक्सपर्ट्स के लिए चिंता बने हुए हैं। आश्चर्य की बात ये है कि अस्पताल में भर्ती हुए ज़्यादातर लोग 20-40 साल की उम्र के हैं।

हम बता रहे हैं 4 वजह जिनके कारण कोविड-19 के हल्के लक्षण गंभीर हालत में बदल जाते हैं, जिससे आपकी जान क जोखिम बढ़ जाता है:

साइटोकिन स्टॉर्म ने गंभीर हो जाती है स्थिति

साइटोकिन स्टॉर्म, अब भी कोविड-19 का सबसे ज़्यादा ख़तरनाक परिणाम बना हुआ है। ये कोरोना वायरस संक्रमण के हल्के से गंभीर की ओर बढ़ने की शांत वजह भी हो सकती है। कई मामलों में, इससे ऑर्गन फेलियर और फिर मौत भी हो जाती है। इसलिए लक्षणों का ध्यान रखना बेहद ज़रूरी होता है। साथ ही 5वें से 10वें दिन के बीच लक्षणों का ख्याल रखने की ज़रूरत होती है। मेडिकल एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कोविड-19 के मरीज़ जो साइटोकिन स्टॉर्म से गुज़रते हैं, उन्हें बुखार, सिर दर्द और दौरों का अनुभव होता है, साथ ही वे पहले से कहीं ज़्यादा बीमार दिखने लगते हैं। 

ऑक्सीजन स्तर का गिरना

हमारा श्वसन तंत्र SARS-COV-2 वायरस से सबसे अधिक प्रभावित अंगों में से एक बना हुआ है। यह फेफड़ों को ऑक्सीजन की आपूर्ति को नुकसान पहुंचा सकता है और सांस की तकलीफ और सांस लेने में कठिनाई जैसे लक्षणों को प्रेरित कर सकता है। 

90 से नीचे के ऑक्सीजन स्तर को चेतावनी संकेत माना जाता है। हालांकि, कई मामलों में, ऑक्सीजन का स्तर कम हो जाने पर भी शरीर कोई संकेत नहीं दिखाता है। ऐसे में रोगियों के लिए यह पहचानना मुश्किल हो सकता है कि वे किसी प्रकार की कठिनाई से गुज़र रहे हैं। जब तक पता चलता है तब तक शरीर को काफी नुकसान हो चुका होता है।

लक्षणों को गंभीर करने वाले बाहरी कारक

कई मामलों में, बाहरी पर्यावरणीय कारक कोविड-19 को और ख़तरनाक बना देते हैं। प्रदूषण, ठंडा मौसम भी सांस से जुड़ी बीमारियों की वजह होता है। जो लोग पहले से किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं, उनके लिए कोविड-19 मुश्किलें और बढ़ा सकता है।

साथ ही हवा में प्रदूषण भी फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है, इम्यूनिटी को कमज़ोर करता है, शरीर में सूजन को बढ़ाता है। शहरों में बढ़ता प्रदूषण भी तेज़ी से बढ़ रहे कोविड-19 मामलों की एक बड़ी वजह है।

टेस्ट कराने में ढिलाई भी है कारण

महामारी को 11 महीने हो चुके हैं, लेकिन अब भी इसके लक्षण इतने आम हैं कि जब तक लोगों को समझ आता है, काफी देर हो चुकी होती है और उन्हें उबरने में समय लगता है। कई लोग कोरोना संक्रमण को आम फ्लू मान रहे हैं, जो इसके गंभीर होने का भी कारण है। लोग संक्रमित होने के काफी वक्त बाद डॉक्टर से संपर्क करते हैं, जिसकी वजह से हेल्दी और नौजवां लोग भी गंभीर संक्रमण से गुज़रना पड़ता है।  

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।


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