जानवर भी मच्छर से हैं परेशान, जानें दूध उत्पादन पर कितना पड़ता है असर
बता दें कि स्वस्थ पशु में दुध उत्पादन ज्यादा होता है जबकि किसी मवेशी को मच्छर बार-बार काटते है तो वह ठीक से चारा नहीं खा पाता है। न ही वह ठीक से जुगाली कर पाता।
नई दिल्ली, जेएनएन। बरसात के दिनों में मच्छरों का प्रकोप बहुत बढ़ जाता है। इससे इंसान ही नहीं बल्कि जानवर भी परेशान होते हैं और इसका असर दुध उत्पादन पर पड़ता है। ऐसा माना जाता है कि मच्छर के काटने से कोई भी जानवर तनाव में आ जाते हैं और उनके दुग्ध उत्पादन पर 5 से 10 प्रतिशत तक का असर पड़ता है, इसलिए बारिश के समय पशुओं को ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है।
बता दें कि स्वस्थ पशु में दुध उत्पादन ज्यादा होता है जबकि किसी मवेशी को मच्छर बार-बार काटते है तो वह ठीक से चारा नहीं खा पाता है। न ही वह ठीक से जुगाली कर पाता। बारिश में गंदगी की वजह से मच्छर ज्यादा हो जाते हैं और जानवरों को ज्यादा काटते हैं और मच्छर जानवरों के पांव पर ज्यादा काटता है। कई बार ज्यादा मच्छर होने की स्थिति में पैरों से खून तक आने लग जाता है। जिसका असर उसके उत्पादन पर भी साफ दिखाई देता है।
इस स्थिति में जानवर रखने वाले लोगों यानी पशुपालकों को ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता है। इसलिए आप मच्छरदानी का इस्तेमाल कर सकते हैं और धुआं आदि करके मच्छरों को दूर भगा सकते हैं। वहीं, हल्के नीम के तेल की मालिश भी पशु के शरीर पर करने से भी मच्छर नहीं आते। लेकिन ज्यादा नीम तेल की मालिश पशु को नहीं करनी चाहिए।
कई जानकारों का कहना है मच्छरदानी मच्छरों को दूर रखने का अच्छा उपाय है। शाम ढलने से पहले पशुओं को मच्छरदानी के अंदर पहुंचा देना चाहिए और सुबह ही मच्छरदानी को हटाना चाहिए। इसके साथ ही नीम और तुलसी के पत्ते को जला कर एक कोने में रख दें और बाद में बुझा दो। उससे उठने वाला धुआं मच्छरों को मार देता है।