कहीं आप भी नकली सैनिटाइज़र नहीं खरीद रहे हैं, ऐसे करें जांच
रोग नियंत्रण एवं निवारण केंद्र ( CDC) ने कई एडवाइजरी जारी की है। इसमें लोगों को वायरस से बचने के लिए हाथ धोने और मास्क पहनने की सलाह दी है।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। कोरोना वायरस का कहर पूरी दुनिया में जारी है। इस वायरस के संक्रमण से मास्क और सैनिटाइज़र की मांग बहुत बढ़ गई है। लोग इससे बचने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। इसके लिए वे मास्क और सैनिटाइज़र का खूब उपयोग कर रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय भी कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहा है।
वहीं, रोग नियंत्रण एवं निवारण केंद्र ( CDC) ने कई एडवाइजरी जारी की है। इसमें लोगों को वायरस से बचने के लिए हाथ धोने और मास्क पहनने की सलाह दी है। ऐसे में बाजार में मास्क और सैनिटाइज़र की मांग बहुत बढ़ गई है। लोग संक्रमण से बचने के लिए बिना जांचे परखे मास्क और सैनिटाइज़र खरीद रहे हैं, जिससे न केवल कालाबजारी बढ़ी है बल्कि नकली और अप्रभावी मास्क और सैनिटाइज़र की खबू बिक्री हो रही है।
अगर आप भी बिना जांचे परखे मास्क या सैनिटाइज़र खरीद रहे हैं तो सावधान हो जाएं क्योंकि हो सकता है कि आपका सैनिटाइज़र नकली हो। बाजार में कुछ ही सैनिटाइज़र हैं जो कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने में असरदार है। आइए जानते हैं कि ओरिजिनल सैनिटाइज़र की पहचान कैसे करें।
-जब भी सैनिटाइज़र खरीदें तो इसमें मौजूद सामग्री के बारे में जरूर पढ़ें जो कि बोतल के पीछे लिखा होता है।
-जब हैंड सैनिटाइज़र खरीदें तो इसमें मौजूद अल्कोहल की मात्रा के बारे में जरूर पढ़ें। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार सैनिटाइज़र में अल्कोहल की मात्रा 60%-95% होनी चाहिए।
-कभी भी 60% से कम अल्कोहल की मात्रा वाले हैंड सैनिटाइज़र न खरीदें। इसके साथ यह भी ध्यान रखें कि सैनिटाइज़र में 60%-95% के बीच अल्कोहल की मात्रा हो। अगर किसी सैनिटाइज़र में अल्कोहल की मात्रा अधिक हो तो यह कारगर नहीं होता है क्योंकि जब यह हाथों में आता है तो हवा में उड़ जाता है।
-जब आप निश्चित हो जाए कि यह आपके लिए सही है तो इसके सामग्री की जांच कर लें। कई बार ऐसा देखा जाता है कि नकली सैनिटाइज़र से हाथों में खुजली होने लगती है।
सैनिटाइज़र का कैसे उपयोग करें
रोग नियंत्रण एवं निवारण केंद्र के अनुसार, अपने हाथों को सैनिटाइज़ करने के लिए पर्याप्त मात्रा में सैनिटाइज़र लें। इसके बाद अपने दोनों हाथ की हथेली को तब तक रगड़ें। जब तक यह सुख न जाएं।