कोरोना काल में फ्लू हो जाने पर इन बातों का जरूर रखें ख्याल
इसके लिए लोगों को पीएम मोदी के नारे जबतक दवाई नहीं तब तक ढ़िलाई नहीं पर अमल करने की जरूरत है। हालांकि बदलते मौसम में फ्लू का खतरा अधिक रहता है। साथ ही काफी संख्या में लोग भी जीविकोपार्जन के लिए घर से बाहर निकल रहे हैं।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या में रोजना बढ़ोत्तरी हो रही है। यह वायरस पूरी दुनिया के लिए परेशानी का सबब बन चुका है। इस संक्रमण के प्रसार और प्रसार को रोकने के लिए सभी एहतियात कदम उठाए जा रहे हैं। जबकि कोरोना वैक्सीन भी अपने अंतिम चरण में है। विशेषज्ञों की मानें तो बदलते मौसम में इसका प्रकोप बढ़ सकता है। खासकर उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में कोरोना वायरस कई चरणों में हमला कर सकता है।
इसके लिए लोगों को पीएम मोदी के नारे "जबतक दवाई नहीं तब तक ढ़िलाई नहीं" पर अमल करने की जरूरत है। हालांकि, बदलते मौसम में फ्लू का खतरा अधिक रहता है। साथ ही काफी संख्या में लोग भी जीविकोपार्जन के लिए घर से बाहर निकल रहे हैं। इससे लोगों के संक्रमित होने का खतरा भी बढ़ गया है। ऐसे में बदलते मौसम में फ्लू हो जाने पर इन बातों का ख्याल जरूर रखें-
एक बात गांठ बांध लें-'हर चमकती चीज सोना नहीं होती, वैसे ही हर टपकती नाक कोरोना नहीं होती'। बदलते मौसम में फ्लू होना आम बात है। इससे घबराने की जरूरत नहीं है। इसके लिए आप डॉक्टर से परामर्श लें। जहां तक बात फ्लू की है, तो इसमें छींक आना, नाक बहना, गले में खराश व खांसी आती है। बुखार और शरीर में दर्द रहता है। फ्लू के मरीजों को सांस लेने में तकलीफ और सांस फूलने की शिकायत बहुत कम होती है। फ्लू के लक्षण तीन से सात दिन तक रहते हैं।
जबकि कोरोना वायरस में गले में खराश व नाक बहना, खांसी व बुखार और शरीर में तेज होने की शिकायत रहती है। व्यक्ति को सांस लेने में बहुत तकलीफ होती है। अगर आपको सर्दी लगी है और आपके नाक से पानी टपक रहा है। साथ ही नाक भी जाम है, तो यह फ्लू के लक्षण हैं। अगर नाक बहने और जाम होने के साथ-साथ बुखार, शरीर में तेज दर्द, थकान और सांस लेने में तकलीफ होती है, तो यह कोरोना के लक्षण हैं। इसके लिए आप तुरंत कोरोना टेस्ट कराएं और अपने आप को सबसे अलग कर लें।
डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।