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Jagran Dialogues: क्या ब्लैक फंगस जानलेवा है? क्या यह सिर्फ कोविड के मरीज़ों के लिए ख़तरनाक है? जानें एक्सपर्ट की राय

Jagran Dialogues इस बीमारी की जटिलताओं को ध्यान में रखते हुए जागरण न्यू मीडिया के सीनियर एडिटर Pratyush Ranjan ने जागरण डायलॉग्स अभियान के तहत जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के सेंटर ऑफ सोशल मेडिसिन एंड कम्युनिटी हेल्थ के चेयरपर्सन डॉ. राजीव दासगुप्ता के साथ इस बारे में गहन चर्चा की।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Tue, 25 May 2021 11:28 AM (IST)Updated: Tue, 25 May 2021 11:28 AM (IST)
Jagran Dialogues: क्या ब्लैक फंगस जानलेवा है? क्या यह सिर्फ कोविड के मरीज़ों के लिए ख़तरनाक है? जानें एक्सपर्ट की राय
क्या ब्लैक फंगस जानलेवा है? क्या यह सिर्फ कोविड के मरीज़ों के लिए ख़तरनाक है? जानें एक्सपर्ट की राय

नई दिल्ली, प्रत्युष रंजन। इस वक्त जब भारत कोविड-19 महामारी की दूसरी और पहले से ज़्यादा ख़तरनाक लहर से गुज़र रहा है, तो इससे रिकवर हो रहे लोग नई तरह की चुनौती, ब्लैक फंगस नाम के एक ख़तरनाक संक्रमण से जूझ रहे हैं। 

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म्यूकोर-माइकोसिस के नाम से जाने जाने वाले ब्लैक फंगल इंफेक्शन को कई रोज्यों ने महामारी रोग अधिनियम के तहत पहले ही एक उल्लेखनीय बीमारी घोषित कर दिया है।

इस बीमारी की जटिलताओं को ध्यान में रखते हुए जागरण न्यू मीडिया के सीनियर एडिटर Pratyush Ranjan ने जागरण डायलॉग्स अभियान के तहत जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के सेंटर ऑफ सोशल मेडिसिन एंड कम्युनिटी हेल्थ के चेयरपर्सन डॉ. राजीव दासगुप्ता के साथ इस बारे में गहन चर्चा की।

पेश हैं ख़ास बातचीत के अहम अंश:

सवाल: ब्लैक फंगस क्या है और ये शरीर के किस हिस्से को प्रभावित करता है? 

जवाब: म्यूकोर-माइकोसिस को ही ब्लैक फंगस कहा जाता है, जो दुर्लभ है लेकिन गंभीर प्रकार का फंगल संक्रमण है। ये आपकी त्वचा, सिर, गर्दन, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रेक्ट और फेफड़ों को प्रभावित करता है। मैं यहां इस बात का ख़ासतौर पर ज़िक्र करना चाहूंगा कि ब्लैक फंगस एक व्यक्ति से दूसरे में नहीं फैलता लेकिन ये अस्पताल से होने वाले संक्रमण की तरह AC और लिफ्ट के ज़रिए फैल सकता है।

सवाल: कोविड के मरीज़ों में ब्लैक फंगस संक्रमण का जोखिम क्यों बढ़ जाता है? 

जवाब: कोविड-19 एक ऐसा संक्रमण या बीमारी है, जो शरीर के इम्यून सिस्टम को प्रभावित करती है। यह मानव शरीर की समग्र प्रतिरक्षा को कम करता है जिससे फंगल संक्रमण हो सकता है। इसके अलावा कोविड-19 के मरीज़ों के इलाज के लिए काफी स्टेरायड्स का इस्तेमाल हो रहा है, जिसकी वजह से भी कई तरह के फंगल इंफेक्शन हो सकते हैं। हालांकि, ब्लैक फंगस और इसी तरह के अन्य संक्रमणों के बारे में अधिक जानने के लिए इस मुद्दे पर और अध्ययन किए जा रहे हैं।  

सवाल: क्या ब्लैक फंगस जानलेवा इंफेक्शन है?

जवाब: यह वास्तव में इस बात पर निर्भर करता है कि किस प्रकार का ब्लैक फंगस या म्यूकोर-माइकोसिस है। अगर यह राइनो-ऑर्बिटल है, जो आमतौर पर भारत में देखा जाता है, तो इसमें आंखों का लाल होना जैसे सामान्य लक्षण देखे जा सकते हैं। अगर इसका पता समय से चल जाए, तो इलाज संभव है। हालांकि, अगर समय से इस संक्रमण का पता न चले तो ये जानलेवा भी साबित हो सकता है, खासतौर पर अगर व्यक्ति कोविड-19 से भी पीड़ित हो।

सवाल: अगर किसी व्यक्ति को कोविड-19 संक्रमण है, तो उसे ब्लैक फंगस को लेकर डॉक्टर से कब संपर्क करना चाहिए?

जवाब: अगर आप हल्के कोविड-19 लक्षणों से पीड़ित हैं और घर पर आइसोलेट कर रहे हैं, तो आपको ब्लैक फंगस के इलाज के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। लोगों को ब्लैक फंगस का इलाज घर पर नहीं करना चाहिए। साथ ही डॉक्टर की सलाह के बग़ैर स्टेरॉयड्स का इस्तेमाल भी नहीं करना चाहिए। अगर आप डायबिटीज़ के मरीज़ हैं, फिर चाहे आप कोविड-19 पॉज़ीटिव हों या नहीं आपको डॉक्टर से ज़रूर संपर्क करना चाहिए।

यहां देखें ब्लैक फंगस पर डॉ. राजिब बनर्जी और जागरण न्यू मीडिया के प्रत्युष रंजन की पूरी बातचीत:


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