Move to Jagran APP

Jagran Dialogues on Mental Health: कोरोना के मुश्किल दौर में अपनी परेशानियों को डिस्कस करते रहना है ज़रूरी

Jagran Dialogues जागरण न्यू मीडिया के सीनियर एडिटर Pratyush Ranjan ने जागरण डायलॉग्ज़ पर डॉ. राजेश सागर से बातचीत की। डॉ. सागर दिल्ली के एम्स में प्रोफेसर ऑफ साइकेटरी हैं। वे सेंटर ऑफ मेंटल के हेल्थ अथॉरिटी के मेंबर भी हैं।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Tue, 08 Jun 2021 10:56 AM (IST)Updated: Tue, 08 Jun 2021 11:23 AM (IST)
Jagran Dialogues on Mental Health: कोरोना के मुश्किल दौर में अपनी परेशानियों को डिस्कस करते रहना है ज़रूरी
कोरोना के इस मुश्किल दौर में कैसे रखें खुद मानसिक तौर पर मज़बूत!

नई दिल्ली, प्रत्युष रंजन। कोरोना वायरस महामारी की वजह सभी अपने घरों में बंद होने पर मजबूर हैं। जिसका असर लोगों की मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा है। लॉकडाउन और घर में बैठे-बैठे लोग बेचैनी, घबराहट और तनाव का शिकार हो रहे हैं।

loksabha election banner

इन सवालों को लेकर जागरण न्यू मीडिया के सीनियर एडिटर Pratyush Ranjan ने 'जागरण डायलॉग्ज़' पर डॉ. राजेश सागर से बातचीत की। डॉ. सागर दिल्ली के एम्स में प्रोफेसर ऑफ साइकेटरी हैं। वे सेंटर ऑफ मेंटल के हेल्थ अथॉरिटी के मेंबर भी हैं। डॉक्टर सागर ने महामारी के दौरान क्यों मानसिक स्वास्थ्य है ज़रूरी और इसे कैसे मज़बूत बनाए रख सकते हैं, इस पर विस्तार से जानकारी दी। पेश हैं पूरी बातचीत के कुछ मुख्य अंश:

सवाल: पिछले दो महीनों में कोरोना की दूसरी लहर में हम सभी बेहद मुश्किल और डरा देने वाले पलों से गुज़रे, तो वहीं, कई लोगों ने अपने करीबियों को खो दिया। जिसका असर मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ा है। क्या भारत एक देश के तौर पर इस तरह के मानसिक स्वास्थ्य संकट से निपटने के लिए तैयार है?

जवाब: आपने सही कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर में देश में मरीज़ों की संख्या 4 लाख को पार कर गई थी। इस दौरान शायद ही ऐसा कोई परिवार था, जो कोरोना से संक्रमित न हुआ हो। साथ ही दूसरी लहर में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति बचा हो जिसके करीबी की जान न गई हो। 24 घंटे और चारों तरह से सिर्फ बुरी खबरें आ रही थीं, जिसका असर हमारे दिमाग़ पर पड़ता है। अपना दिल आसपास के वातावरण से काफी प्रभावित होता है। आसपास अगर कोई विचलित कर देनी वाली घटना होती है, तो इसका इसर हमारे दिमाग पर पड़ता है। इसमें कई तरह के सवाल हमारे दिमाग़ में घूमते रहते हैं, जैसे- मुझे संक्रमण हो गया तो क्या होगा?, मुझे अस्पताल में जगह मिल पाएगी कि नहीं या दवाइयां और ऑक्सीजन का प्रबंध हो पाएगा या नहीं। ऐसा न सिर्फ भारत बल्कि बाकी देशों में भी देखा गया है कि एक महामारी शुरू होती है और उसके साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य की महामारी भी शुरू हो जाती है। महामारी की वजह से मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी बीमारियां भी बढ़ गई हैं। साथ ही मानसिक स्वास्थ्य की बात लोग छिपाते हैं, इसके साथ एक तरह का कलंक जुड़ा हुआ है कि अगर मैं कहूं कि मुझे डर, घबराहट, बेचैनी और तनाव हो रहा है, तो मुझे एक कमज़ोर व्यक्ति माना जाएगा। ऐसे में यह कहना चाहूंगा कि इस वक्त भले ही कोरोना का इलाज न हो, लेकिन मानसिक बीमारियों का इलाज बिल्कुल है। अगर आपको मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी कोई भी तकलीफ है, तो घबराएं नहीं, इसका पूरी तरह इलाज हो सकता है, जिससे आप बिल्कुल ठीक हो सकते हैं।

सवाल: कोविड के एक मरीज़ और उसका ख़्याल रख रहे हैं, दोनों को अपने मानसिक स्वास्थ्य का कैसे ध्यान रखना चाहिए? क्या ऐसे कोई संकेत हैं जिन्हें देख सचेत हो जाना चाहिए?

जवाब: अगर आप तनाव में हैं, तो इसे कैसे पहचानें, ये बेहद ज़रूरी है। इसके लिए दो शब्दों का उयोग होता है, सेल्फ मैनेजमेंट और मानसिक स्वास्थ्य का ज्ञान होना। अगर आप तनाव में हैं, तो उसे पहचानना आसान है, जैसे व्यवहार में बदलाव आ जाना, पहले लोगों से बात करना पसंद था, लेकिन अब नहीं करते, लोगों से मिलना जुलना पसंद नहीं आ रहा, एक कमरे में बंद रहने का मन करता है। इसके अलावा भावनात्मक स्वास्थ्य पर ध्यान देना भी ज़रूरी है, जैसे चिड़चिड़ा हो जाना, गुस्सा, उदासी, घबराहट, बेचैनी या डर लगना, बुरा ही सोचना, किसी काम में मन न लगना, भूख और नींद पर असर पड़ना आदि रेड फ्लेग्ज़ हैं, ऐसा होने पर डॉक्टर से सलाह लें।

अगर किसी को तनाव है, तो इसका मतलब ये नहीं कि वह कमज़ोर है किसी तरह से, ऐसे समय में बस ये याद रखें कि ये सिर्फ एक ख़राब दौर है, जो जल्द ही निकल जाएगा। हमारी ज़िंदगी में कई ख़राब दौर आते हैं, और हम उससे निकल भी जाते हैं, तो ऐसे ही यह भी ख़त्म हो जाएगा। लोगों से बातचीत करें, वर्कआउट करें, ध्यान करें, योग करें, संतुलित आहार लें, अच्छी नींद सोएं। जिन चीज़ों का शौक़ है, उसे करें। अगर आपको लगता है कि आपकी समस्या ज़्यादा गंभीर है, तो उस बारे में परिवार या फिर दोस्तों से बातचीत करें।

पूरी बातचीत यहां सुन सकते हैं:


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.