Covid-19 & Mental Health: कोविड की वजह से हैं आइसोलेशन में, तो ऐसे रखें मानसिक स्वास्थ्य का ख़्याल!
Covid-19 Mental Health घर पर क्वारेंटीन करना इस बीमारी से उबरने का सबसे अच्छा तरीका है लेकिन एक कमरे में बंद रहने से लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ना शुरू हो जाता है। घर पर बंद रहने से लोगों में बेचैनी अवसाद दुख बढ़ने लगता है।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Covid-19 & Mental Health: सभी लोग कोविड-19 महामारी से पिछले दो सालों से जूझ ही रहे थे कि कोरोना वायरस के एक नए वेरिएंट ने नए साल के साथ दस्तक दे दी। ओमिक्रॉन के आने से तीसरी लहर शुरू हुई और तेज़ी से मामले बढ़ने शुरू हुए और एक बार फिर लोगों की ज़िंदगी में कई रुकावटें पैदा होनी शुरू हो गईं।
जैसे ही एक व्यक्ति कोविड पॉज़ीटिव पाया जाता है, उसे 7 से 14 दिनों के लिए क्वारेंटीन करने की ज़रूरत होती है, जो लक्षणों की गंभीरता पर निर्भर करता है। घर पर क्वारेंटीन करना इस बीमारी से उबरने का सबसे अच्छा तरीका है, लेकिन एक कमरे में बंद रहने से लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ना शुरू हो जाता है। घर पर बंद रहने से लोगों में बेचैनी, अवसाद, दुख बढ़ने लगता है। इसलिए, शारीरिक और मानसिक दोनों सेहत का ख़्याल रखना ज़रूरी है। तो आइए जानें ऐसे आसान टिप्स जिनकी मदद से आप दिल और दिमाग़ को शांत रख सकते हैं।
वर्कआउट करें
स्वस्थ शरीर होगा तो दिमाग़ भी स्वस्थ रहेगा, इसलिए रोज़ाना थोड़ी बहुत एक्सरसाइज़ ज़रूर करें, इससे आप अच्छा महसूस करेंगे। आपका दिमाग़ एंडोरफिन्स को रिलीज़ करता है, जो स्ट्रेस बस्टर की तरह काम करता है।
संगीत सुनें
संगीत हमारे दिमाग़ को बेहद सुकून पहुंचाने का काम करता है। संगीत सुनने से आप फौरन खुशी और बेहतर महसूस करते हैं। आप चाहें तो हल्का डांस भी करें, इससे आप अच्छा महसूस करेंगे।
लोगों से संपर्क में रहें
मानव मन संवाद करने और संबंध बनाने के लिए बना है। इसलिए, ऐसे समय में जब आप अपने दोस्तों और परिवार को शारीरिक रूप से नहीं देख सकते हैं, तो टेलीफोन, सोशल मीडिया आदि जैसे माध्यमों से उनके साथ जुड़ें।
ध्यान करें
जब आपका दिल अंदर से विचलित हो रहा हो, आप डर और बेचैनी महसूस कर रहे हों, तो ऐसे में कुछ मिनट ध्यान करें। इससे आपके दिल और दिमाग़ को शांति और सुकून पहुंचेगा और आप कुछ बेहतर महसूस करेंगे।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।