Move to Jagran APP

Risk Of Coronavirus: किसी सतह को छूने से कोरोना वायरस होने का ख़तरा कितना बड़ा है?

Risk Of Coronavirus CDC ने हाल ही में साफ किया था कि एक दूषित सतह से अप्रत्यक्ष संपर्क जिसे फोमाइट ट्रांसमिशन कहते हैं वह अब भी COVID-19 से संक्रमित होने का जोखिम है।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Fri, 29 May 2020 11:54 AM (IST)Updated: Fri, 29 May 2020 11:54 AM (IST)
Risk Of Coronavirus: किसी सतह को छूने से कोरोना वायरस होने का ख़तरा कितना बड़ा है?
Risk Of Coronavirus: किसी सतह को छूने से कोरोना वायरस होने का ख़तरा कितना बड़ा है?

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Risk Of Coronavirus: दूषित सतह से कोरोना वायरस से संक्रमित होने के डर से हम सभी पिछले कई महीनों से बाज़ार लाया सामान डिसइंफेक्ट कर रहे हैं, कुरियर से आए सामान को 24 घंटे बाद खोल रहे हैं और साथ ही लिफ्ट के बटन को छूने से भी डर रहे हैं।  

loksabha election banner

क्या कोरोना वायरस से संक्रमित होने का जोखिम सतह से ज़्यादा है या फिर सामान से?

ये सवाल सभी लोगों के दिमाग़ काफी समय से है। CDC ने हाल ही में एक न्यूज़ रिलीज़ जारी कर साफ किया था कि एक दूषित सतह से अप्रत्यक्ष संपर्क, जिसे वैज्ञानिक फोमाइट ट्रांसमिशन कहते हैं, वह अब भी COVID-19 से संक्रमित होने के लिए एक संभावित जोखिम बना हुआ है। कोविड-19 पर हुई लैब स्टडीज़ से हमें ये पता चला है कि इस व्यक्ति को ये जानलेवा बीमारी किसी संक्रमित सतह या सामान को छूने से और फिर उन्हीं हाथों से मुंह, नाक या आंखों को छूने पर हो सकता है।

तो क्या दरवाज़े का हैंडल, खाने का बर्तन या खिलौना छूने से कोरोना वायरस हो सकता है? 

इसका जवाब है, हां, इसलिए आपका हर थोड़ी देर में हाथ धोना बेहद ज़रूरी है और साथ ही चेहरे को छूने से बचें। फ्लू, रहीनोवायरस, कोरोना वायरस और अन्य कीटाणुओं के शोध में पता चला है सांस से जुड़ी बीमारियां जिसमें कोरोना वायरस भी शामिल है, दूषित सतह को छूने से फैल सकता है, खासकर डे-केयर, ऑफिस और अस्पतालों जैसी जगहों में।  

हालांकि, ऐसा कहा जा रहा है कि रैलिंग, दरवाज़ें के हैंडल और लिफ्ट के बटन से प्रमिख तौर पर ये संक्रमण नहीं फैल रहा है। इसके बावजूद अपना चेहरा छूने की आदत आपको छोड़नी होगी। ऐसा इसलिए अगर कोई संक्रमित व्यक्ति अपने हाथों को मुंह पर रखकर खांसता है और फिर आपसे हाथ मिलाता है और आप उन्हीं हाथों से आंखों को मलते हैं- तो, हां आप भी संक्रमित हैं। ऐसे ही अगर कोई संक्रित व्यक्ति ग्लास से पानी पीता है और आप ग्लास को ऊपर से पकड़ते हैं और उन्हीं हाथों से आंखों या मुंह को छूते हैं तो आप भी इस संक्रमण का शिकार हो गए हैं।

ऐसे काम करता है फोमाइट ट्रांसमिशन

एक संक्रमित व्यक्ति अपने हाथों पर खांसता या छींकता है। उसके मुंह से निकली बूंदें आस पास की सतह पर जा गिरती हैं या फिर वह व्यक्ति बिना हाथ धोए नल या किसी सतह को छूकर उसे संक्रमित कर सकता है। शोध में पता चला है कि कोरोना वायरस प्लास्टिक और स्टील पर तीन दिन तक रहता है, लेकिन जैसे ही ये सतह पर आता है, तो ये कुछ ही घंटों में इसका असर कम होने लगता है। इसका मतलब ये हुआ कि संक्रमित बूंदे छींकते ही ज़्यादा ख़तकनाक होती जबकि कुछ दिन बाद इसका असर कम होने लगता है।

इसलिए हाथों को हर थोड़ी देर में साफ करना न सिर्फ फोमाइट ट्रांसमिशन बल्कि व्यक्ति से व्यक्ति ट्रांसमिशन को रोखने के लिए भी ज़रूरी है। साथ ही आपस में सभी लोगों को 6 फीट की दूरी बनाए रखना अहम है। इसके अलावा मास्क पहनें और बाज़ार से वापस आकर सामान को डिसइंफेक्ट करें। बाहर से वापस आकर ज़रूर नहाएं और जूतों को भी धोएं। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.