Coronavirus Prevention For Diabetes: क्या डायबिटिक मरीज़ के लिए और ख़तरनाक हो जाता है कोरोना?
Coronavirus Prevention For Diabetes कोरोना की चपेट में उम्रदराज़ लोगों के साथ बच्चे और ऐसे लोग भी आसानी से आ रहे हैं जिन्हें डायबिटीज़ दिल की बीमारी या जो पहले से बीमार हैं।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Coronavirus Prevention For Diabetes: न सिर्फ भारत में बल्कि पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के मामले काफी तेज़ी से बढ़ते जा रहे हैं। कोरोना वायरस की चपेट में उम्रदराज़ लोगों के साथ, बच्चे और ऐसे लोग भी आसानी से आ रहे हैं जिन्हें डायबिटीज़, दिल की बीमारी, ब्लड प्रेशर या पहले से कोई बीमारी है। ऐसे लोगों की इम्यूनिटी कमज़ोर होती है इसलिए ये लोग आसानी से किसी भी संक्रमण का शिकार हो जाते हैं।
समय के साथ शोधकर्ताओं ने कोरोना वायरस के बारे में काफी सारी जानकारी प्राप्त की है, हालांकि, इसके बावजूद कई सवालों के जवाब आज भी नहीं मिले हैं। जैसे पहले से गंभरी बीमारी से ग्रस्त लोगों के लिए ये वायरस जानलेवा साबित हो सकता है, खासकर मधुमेह के मरीज़ों के लिए। क्या टाइप-1 और टाइप-2 दोनों तरह के डायबिटिक लोगों के लिए ख़तरा ज़्यादा है?
भारत में डायबिटीज़ के मरीज़ों की तादाद काफी ज़्यादा है, इसलिए ये जानना ज़रूरी है कि कोरोना वायरस संक्रमण और डायबिटीज़ के मरीज़ों के बीच क्या संबंध है। डॉक्टर का कहना है कि कोरोना वायरस डायबिटीज़ के टाइप-1 या टाइप-2 दोनों तरह के मरीज़ों के लिए ख़तरनाक है।
डायबिटीज़ के मरीज़ों को कोविड-19 कैसे प्रभावित करता है?
कोविड-19 एक नई बीमारी है, इसलिए इसके बारे में कई चीज़ें अभी भी नहीं मालूम हैं। अभी तक ऐसा कोई सबूत सामने नहीं आया है, जिससे ये कहा जा सके कि डायबिटीज़ के मरीज़ के लिए ये वायरस घातक साबित हो सकता है। इसके बावजूद, डायबिटीज़ एक ऐसी बीमारी है, जो ब्ल्ड शुगर स्तर को बढ़ाती है, जिसकी वजह से इम्यून सिस्टम कमज़ोर हो जाता है, और इस तरह शरीर के संक्रमित होने का ख़तरा बढ़ जाता है। इसलिए डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए ख़तरा ज़्यादा ये कहना ग़लत नहीं है, लेकिन अभी तक ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है।
भारत में डायबिटीज़ के मरीज़ काफी ज्यादा हैं, इसलिए हम उम्मीद कर सकते हैं कि कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों में ऐसे भी होंगे जिन्हें डायबिटीज़ है। डायबिटीज़ के मरीज़ों का कोरोना वायरस से संक्रमित होने का ख़तरा उतना ही ज़्यादा है जितना बाकी लोगों का, हालांकि, अगर डायबिटीज़ का कोई मरीज़ कोरोना वायरस पॉज़ीटिव पाया जाता है, तो उसकी स्थिति गंभीर हो सकती है।
क्या डायबिटिक मरीज़ में कोरोना वायरस के अलग लक्षण दिखते हैं?
कोरोना वायरस के लक्षण और प्रभाव डायबिटीज़ के मरीज़ में बिल्कुल वैसे ही दिखते हैं, जैसे कि दूसरे लोगों में। हालांकि, डायबिटीज़ के एक मरीज़ की किसी भी इंफेक्शन से लड़ने की क्षमता कमज़ोर हो जाती है, इसलिए इसका नतीजा काफी गंभीर हो सकता है।
क्या टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज़ में एक ही तरह के जोखिम है?
टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज़ में काफी अंतर है। टाइप-1 डायबिटीज़ में इंसुलिन की बेहद कमी होती है। बिना इंसुलिन के खून में मौजूद ग्लूकोज़ का स्तर काफी बढ़ सकता है, इसलिए ऐसे लोगों को ज़िंदगी भर के लिए इंसुलिन का सहारा लेना पड़ता है। वहीं, टीइप-2 डायबिटीज़ में शरीर में इंसुलिन तो मौजूद होता है, लेकिन वह सही तरीके से काम नहीं करता। इसलिए इन दोनों तरह की डायबिटीज़ का इलाज भी काफी अलग होता है। अभी तक ऐसी कोई स्टडी सामने नहीं आई है, जिससे ये कहा जा सके कि कोरोना वायरस दोनों तरह की डायबिटीज़ में अलग तरह से प्रभावित करता है।
टाइप- डायबिटीज़ में इंसुलिन की कमी होती है, इसलिए किडनी के फेल होने और आंखों को ख़तरा पहुंच सकता है, जबकि टाइप-2 में कॉम्प्लीकेशन की उम्मीद कम है।
अगर आप भी डायबिटीज़ के मरीज़ हैं, तो आपके सभी सवालों का जवाब देने लिए दैनिक जागरण से जुड़ रही हैं डॉ. शाज़िया अल्लारखा, जो पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट हैं। जुड़िए दैनिक जागरण के इंस्टाग्राम लाइव पर आज शाम 4 बजे और पूछें अपने सवाल।