Low Hygiene Gives More immunity: भारत में अस्वच्छता और गंदगी वायरस के खिलाफ अधिक इम्यूनिटी देती है, CSIR रिसर्च
Low Hygiene Gives More immunity भारत स्वच्छता और स्वास्थ्य दोनों दृष्टि से पिछड़ा हुआ है। खराब स्वच्छता स्वास्थ्य के लिए विषम परिस्थितियां और स्वच्छ पेयजल की कमी वाले देशों में कोरोनोवायरस बीमारी के कारण लोगों के मरने की आशंका कम है।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। स्वच्छता ही स्वस्थ जीवन की निशानी है, बचपन से हम ये बात सीखते आए हैं। स्वस्थ जीवन एवं समृद्धि के लिए स्वच्छता को बनाए रखना बेहद जरुरी है। जहां हम स्वच्छता और सेहत का तालमेल बिठाते है, वहीं सेंटर फॉर साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (CSIR) ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है, कि जिन देशों में हाइजीन का स्तर खराब है, उन देशों के लोगों को कोरोना से मौत का खतरा कम है। दुनिया भर में कोरोना का कहर जारी है, लोग कोरोना से बचने के लिए क्या कुछ जतन नहीं कर रहें, ऐसे में CSIR की ये रिपोर्ट चौंकाने वाली है।
भारत स्वच्छता और स्वास्थ्य दोनों दृष्टि से पिछड़ा हुआ है। कोरोनाकाल में भारत की ये स्वास्थ्य स्थिति उसकी मजबूती बन कर उभर रही हैं। भारतीय शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक नए अध्ययन से पता चला है कि खराब स्वच्छता, स्वास्थ्य के लिए विषम परिस्थितियां और स्वच्छ पेयजल की कमी वाले देशों में कोरोनोवायरस बीमारी के कारण लोगों के मरने की आशंका कम है। ये अध्ययन काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च, नेशनल सेंटर फॉर सेल साइंस, पुणे और चेन्नई मैथमेटिकल इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया है। आइए जानते है कि क्यों गंदगी और अस्वच्छ महौल में कोरोना खतरनाक नहीं हैं।
भारत में कोरोना से रिकवरी अधिक होने का कारण
भारत में हाइजीन हाइपोथिसिस है, यानी अगर आपके शरीर को बचपन से ही रोगजनक वायरस से लड़ने की आदत है तो आप इस बीमारी का अच्छे से सामना कर सकते है। कम हाइजीन का मतलब ज्यादा इंफेक्शन का खतरा और इससे लड़ने के लिए आपका इम्यून सिस्टम बेहतर तरीके से काम करता है। अगर इम्यून इससे लड़ने में सक्षम नहीं है तो वायरस का अटैक इंसान को गंभीर स्थिति में ले जाएगा। भारत में कोरोना से मौतों का आंकड़ा बाकी विकसित देशों की तुलना में कम है उसका सबसे बड़ा कारण यही है कि भारत के लोगों में गंदगी और इंफेक्शन से लड़ने के लिए बेहतर इम्यूनिटी विकसित है।
सेंटर फॉर साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल की रिपोर्ट:
CSIR की इस रिपोर्ट के मुताबिक निम्न और निम्न मध्यम आय वाले देशों में परजीवी और जीवाणु से फैलने वाली बीमारियां ज्यादा होती है। एक्सपर्ट के मुताबिक विकसित देशों में बेहतर स्वच्छता और इंफेक्शन के फैलने का खतरा कम रहता है, जिसकी वजह से लोगों में ऑटोइम्यून डिसॉर्डर और एलर्जी की समस्या रहती है। आप जानते हैं ऑटोइम्यून डिसॉर्डर कोविड-19 से होने वाली मौतों की बड़ी वजह है, क्योंकि बॉडी का अपना हाइपरेक्टिव इम्यून इंफेक्शन को नष्ट करने वाले साइटोकिन बनाता है।
भारत एक गरीब राज्य है, लेकिन कोविड-19 से यहां मौत का खतरा सिर्फ 0.5 प्रतिशत है जो कि देश की मृत्यु दर से बहुत कम है। बिहार के अलावा, केरल और असम (0.4), तेलंगाना (0.5), झारखंड और छत्तीसगढ़ (0.9) में भी कोविड-19 से मरने वालों का आंकड़ा कम पाया गया है। जबकि महाराष्ट्र और गुजरात जैसे विकसित शहरों में डेथ रेट ज्यादा है।
Written By: Shahina Noor