Heart Health With Ayurveda:दिल की हिफ़ाजत करना चाहते हैं तो इन आयुर्वेदिक नुस्खों को आजमाएं, दिल रहेगा महफूज
Heart Health With Ayurveda आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में बीमारी को जड़ से खत्म करने और बीमारी नहीं होने देने की गारंटी है। कुछ जड़ी बूटियां दिल की बीमारी से महफूज रखती हैं।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। भारतीय प्राचीन चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद में हर बीमारी से बचने के उपाय मौजूद है। आमतौर पर ऐलेपैथिक दवाइयां इमरजेंसी जैसी हालात में भी रोगी को सही कर देती है। इस मायने में आयुर्वेद बेशक उतना कारगर न हो लेकिन आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में बीमारी को जड़ से खत्म करने और बीमारी नहीं होने देने की गारंटी है। यानी अगर आप आयुर्वेद के कुछ नुस्खे अपनाएं तो बीमारी होने की नौबत ही नहीं आएगी। दरअसल, जब किसी व्यक्ति को हार्ट अटैक आजाए उस वक्त आयुर्वेद की दवा काम नहीं करेगी, लेकिन अगर आयुर्वेद के कुछ नुस्खे अपनाए जाए तो ये हार्ट अटैक की नौबत ही नहीं आने देंगे। आयुर्वेद में दिल को तंदुरुस्त रखने के लिए कई नुस्खे बताए गए हैं।
पुदीना और तुलसी पत्ते सुबह खाएं:
हम सब जानते हैं कि तुलसी में कई बीमारियों को सही करने की शक्ति है। हम सब इसका सेवन करते भी हैं, लेकिन अगर किसी का दिल स्वस्थ नहीं है तो रोजोना तुलसी और पुदीने की कुछ पत्तियां का सुबह में सेवन करें, तो दिल को हमेशा के लिए तंदुरुस्त रखा जा सकता है। आयुर्वेदाचार्य बताते हैं कि इससे ब्लड का पीएच लेवल सामान्य बना रहता है, जिससे रक्त धमनियों में ब्लॉकेज नहीं होता और हार्ट अटैक से बचाव होता है।
पीपल के पत्तों में भी है जादू:
अगर आपका दिल स्वस्थ नहीं है तो पीपल की पत्तियों को पानी में बहुत देर उबालिए। इसके बाद ठंडा कर इसका सेवन करें, कभी भी हार्ट अटैक की नौबत नहीं आएगी। इसका सेवन किस तरह करें यह किसी आयुर्वेदाचार्य से परामर्श लें। वह आपको सही से इसका सेवन करने का तरीका बताएंगे। यह छोटा-सा उपाय आपके दिल की निरोगी करेगा और शक्तिशाली बनाएगा।
हल्दी धमनियों की गांठ हटाने में कारगर:
कोरोना काल के इस दौर में आयुष मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुसार हल्दी दूध पीने की सलाह दी गई है, लेकिन हल्दी हार्ट अटैक से बचाने में भी बेहद कारगर है। डॉ अबरार मुल्तानी ने अपने एक लेख में लिखा है कि हल्दी की कुछ गांठों को चार दिनों तक चूने के पानी में भिगोकर रखने के बाद, इसे सुखा लीजिए। जब ये गांठें अच्छी तरह सूख जाएं तो इन्हें बारीक़ पीसकर चूर्ण बना लें। अब इस चूर्ण को एक-एक ग्राम की मात्रा सुबह-शाम गुनगुने पानी में सेवन करें। इससे खून की जो धमनियां ब्लॉकेज हो गई हैं, वे खुल जाएंगी।
Written by: Shahina Noor