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सर्दियों में फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए इन 4 टिप्स को जरूर अपनाएं

विशेषज्ञों की मानें तो सर्दी के दिनों में वायु प्रदूषण से फेफड़े और दिल को अधिक नुकसान पहुंचता है। वहीं दिल और सांस संबंधी तकलीफों से जूझ रहे लोगों को कोरोना वायरस का खतरा अधिक रहता है। इसके लिए हमेशा मास्क पहनकर घर से बाहर निकलें।

By Umanath SinghEdited By: Published: Mon, 30 Nov 2020 10:18 AM (IST)Updated: Mon, 30 Nov 2020 10:18 AM (IST)
सर्दियों में फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए इन 4 टिप्स को जरूर अपनाएं
ऑयल पुलिंग करें। इसे करने से मुंह बैक्टीरिया-मुक्त रहता है।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। सर्दी के दिनों में न केवल सर्दी-खांसी का खतरा बढ़ जाता है, बल्कि वायु प्रदूषण से दिल और फेफड़े भी प्रभावित होते हैं। इन दिनों हवा की गुणवत्ता बेहद ख़राब हो जाती है। इससे सांस संबंधी बीमारियां दस्तक देती हैं। इनमें अस्थमा, एलर्जी, ब्रोंकाइटिस और स्ट्रोक शामिल हैं। विशेषज्ञों की मानें तो सर्दी के दिनों में वायु प्रदूषण से फेफड़े और दिल को अधिक नुकसान पहुंचता है। वहीं, दिल और सांस संबंधी तकलीफों से जूझ रहे लोगों को कोरोना वायरस का खतरा अधिक रहता है। इसके लिए हमेशा मास्क पहनकर घर से बाहर निकलें और रोजाना योग जरूर करें। अगर आप भी सर्दी के दिनों में फेफड़ों को स्वस्थ और साफ़ रखने चाहते हैं, तो इन टिप्स को जरूर अपनाएं। आइए जानते हैं-

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ऑयल पुलिंग करें

यह एक आयुर्वेदिक पद्धति है। इसे करने से मुंह बैक्टीरिया-मुक्त रहता है। साथ ही वायु प्रदूषण के चलते मुंह सूखने की समस्या से भी निजात मिलता है। इसे सुबह खाली पेट किया जाता है। इसके लिए शुद्ध नारियल तेल को 4-6 मिनट तक मुंह में रखकर कुल्ला करना होता है। आप इम्यून सिस्टम मजबूत और फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए तिल के तेल से ऑयल पुलिंग कर सकते हैं।

त्रिफला से कुल्ला करें

आयुर्वेद में त्रिफला को फेफड़ों को साफ़ और स्वस्थ रखने के लिए रामबाण दवा माना जाता है। इस उपाय को भी सुबह में खाली पेट करना चाहिए। त्रिफला तीन फलों हरीतकी, बिभीतकी और आंवला से मिलकर बनता है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी, एन्टिओक्सीडेटिव के गुण पाए जाते हैं जो इम्यून सिस्टम मजबूत करने में सहायक होते हैं। इसके लिए एक लीटर पानी में 100 mg त्रिफला को उबाल लें। जब पानी आधा रह जाए, तो 2 चम्मच त्रिफला पाउडर को अपने मुंह में रखकर पानी की मदद से गरारे करें। इसके बाद ब्रश करें।

जल नेति करें

आयुर्वेद में जल नेति को बीमारियां दूर करने का तरीका बताया गया है। इस पद्धति में नमक युक्त 2-3 बूंद पानी से नाक के मार्ग को साफ किया जाता है। साथ तेल का भी सहारा ले सकते हैं। तेल से नाक के मार्ग में नमी बनी रहती है।

षडबिन्दु तेल का इस्तेमाल करें

आयुर्वेद में नस्य और षडबिन्दु दो चमत्कारिक तेल हैं। इनका इस्तेमाल नाक बंद होने पर साफ करने के लिए उपयोग किया जाता है। विशेषज्ञों की मानें तो जब आप घर से बाहर निकलें तो दो बूंद नाक के दोनों मार्ग में डालें और कुछ देर तक मसाज करें। इसके बाद ही घर से निकलें।

डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।


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