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डायबिटीज के मरीजों के लिए वरदान है विपरीत करनी, जानें करने का तरीका

आसान शब्दों में कहें तो विपरीत करनी आसन को उल्टा होकर किया जाता है। इस योग को करने से मेटाबॉलिक गतिविधि में सक्रियता आती है। इससे ग्रंथियां एवं हार्मोन्स को संतुलित करने में मदद मिलती है। इस वजह से ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रहता है।

By Umanath SinghEdited By: Published: Sun, 25 Oct 2020 02:21 PM (IST)Updated: Sun, 25 Oct 2020 02:21 PM (IST)
डायबिटीज के मरीजों के लिए वरदान है विपरीत करनी, जानें करने का तरीका
डॉक्टर्स भी सेहतमंद रहने के लिए योग करने की सलाह देते हैं।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। योग सेहतमंद रहने के लिए सबसे सरल और आसान उपाय है। प्राचीन समय से योग किया जाता रहा है। आधुनिक समय में इसका महत्व और भी बढ़ गया है। यह सेहत और सुंदरता दोनों के लिए फायदेमंद है। इसे करने से कई रोगों में आराम मिलता है। खासकर डायबिटीज के मरीजों के लिए यह किसी दवा से कम नहीं है। साथ ही तनाव और चिंता से भी मुक्ति मिलती है। डॉक्टर्स भी सेहतमंद रहने के लिए योग करने की सलाह देते हैं। योग के कई आसन हैं। इनमें एक आसन विपरीत करनी (Viparita Karani) है। इसे करने से डायबिटीज रोग में आराम मिलता है और ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है। अगर आप भी डायबिटीज के मरीज हैं और अपना ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करना चाहते हैं, तो रोजाना विपरीत करनी आसन जरूर करें। आइए विपरीत करनी आसन करने का तरीका और फायदे जानते हैं-

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विपरीत करनी आसन

यह हिंदी के दो शब्दों से मिलकर बना है। विपरीत यानी उल्टा और आसान यानी मुद्रा। आसान शब्दों में कहें तो विपरीत करनी आसन को उल्टा होकर किया जाता है। इस योग को करने से मेटाबॉलिक गतिविधि में सक्रियता आती है। इससे ग्रंथियां एवं हार्मोन्स को संतुलित करने में मदद मिलती है। इस वजह से ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रहता है। विपरीत करनी आसन करने से शरीर को आराम मिलता है और दिमाग शांत होता है। इससे स्ट्रेस हार्मोन घटता है। तनाव मुख्य वजह है, जिसके चलते लोग ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल नहीं कर पाते हैं। अत्यधिक फायदे के लिए एक दिन में कम से कम ढाई घंटे विपरीत करनी आसन जरूर करें।

कैसे करें विपरीत करनी

अपने कमरे में जमीन पर दीवार के सहारे पीठ के बल लेट जाएं। अब अपने दोनों पैरों को दीवार पर टिका दें। जैसा आप तस्वीर में देख पा रहे हैं। इस दौरान आपका शरीर 90 डिग्री की मुद्रा में होना चाहिए। अपने हाथों को बगल में रखकर आराम महसूस करें और तकरीबन 15 मिनट तक गहरी सांस लें। इसके बाद अपने पैरों को मोड़ते हुए पहली की मुद्रा में आ जाएं।

डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।


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