कोविड-19 के टीके की जगी उम्मीद, ब्रिटेन में शुरू होगा मानव परीक्षण
वैश्विक महामारी को रोकने के लिए प्रभावी टीका ढूंढने की दौड़ में आगे आया ब्रिटेन। कोरोना से बचाव के लिए पहली बार मानव पर टीके का होगा सफल परीक्षण।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। कोरोनावायरस से बचाव के लिए दुनियाभर में वैक्सीन के निर्माण पर काम चल रहा है, लेकिन अभी तक किसी भी वैक्सीन के कामयाब होने की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है। इस बीच ब्रिटेन में ऐसी वैक्सीन का निर्माण किया गया है, जिसका परीक्षण इंसानों में किया जाएगा। यह पहला ऐसा अध्ययन होगा, जब टीके का मनुष्यों में परीक्षण किया जाएगा। इंपीरियल कॉलेज लंदन के वैज्ञानिक कोरोना वायरस के प्रायोगिक टीके के साथ इस हफ्ते ब्रिटेन में लोगों को प्रतिरक्षित करना शुरू करेंगे। वैश्विक महामारी को रोकने के लिए प्रभावी टीका ढूंढने की दौड़ में यह नई कोशिश है।
ब्रिटिश सरकार ने सोमवार को एक बयान में कहा कि इंपीरियल में विकसित कोविड-19 के संभावित टीके की दो खुराकों के साथ करीब 300 स्वस्थ लोगों को प्रतिरक्षित किया जाएगा। इस टीके को विकसित करने के लिए सरकार ने 5.1 करोड़ डॉलर की राशी दी है।
इंपीरियल कॉलेज लंदन में विकसित इस संभावित टीके का अब तक केवल जानवरों और प्रयोगशाला में परीक्षण हुआ है, जहां इसने संक्रमित व्यक्ति में आम तौर पर देखे जाने वाले एंटीबॉडी से ज्यादा स्तर पर एंटीबॉडी बनाए हैं।
ब्रिटेन की सरकार ने 41 मिलियन पाउंड से अधिक इस टीके के निर्माण के लिए दिए हैं। कई वैज्ञानिकों ने आगाह किया है कि इस वैश्विक महामारी को प्रभावी टीके से ही रोका जा सकता है, जिसे विकसित करने में सामान्य तौर पर कई वर्ष लग सकते हैं।
टीका अनुसंधान की अगुवाई कर रहे रॉबिन शटोक ने कहा कि दीर्घकालिक दृष्टि से एक व्यवहार्य टीका सबसे ज्यादा संवेदनशील लोगों को बचाने के लिए महत्त्वपूर्ण होगा, जो लोगों को सामान्य जीवन की तरफ लौटने में मदद करेगा।
करीब एक दर्जन संभावित टीकों का फिलहाल हजारों लोगों पर शुरुआती तौर पर परीक्षण किया जा रहा है। इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि इसमें से कोई भी टीका काम करेगा या नहीं। लेकिन इस बात की उम्मीद बढ़ती जा रही है कि साल के अंत तक कोई न कोई टीका तैयार हो जाएगा।
Written By Shahina Noor