Zika Virus: कहां से आया है ज़ीका वायरस, जानें- कैसे बच सकते हैं इस बीमारी से
जीका वायरस के खतरे का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अकेले ब्राजील में 15 लाख लोग इस वायरस के खतरे के दायरे में हैं। एक वायरस जो एडीज एजिप्टी और अन्य मच्छरों से फैलता है।
नई दिल्ली, जेएनएन। Zika Virus 2019: 'जीका वायरस' एक ग्लोबल खतरा बनता जा रहा है। इसके खतरे का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि अकेले ब्राजील में 15 लाख लोग इस वायरस के खतरे के दायरे में हैं। एक वायरस जो एडीज, एजिप्टी और अन्य मच्छरों से फैलता है। ये चिकनगुनिया और डेंगू भी फैलाते हैं।
क्या है इसके लक्षण
- बुखार
- जोड़ो का दर्द
- शरीर पर लाल चकत्ते
- थकान
- सिर दर्द
- आंखों का लाल होना
जीका वायरस से बचने के लिए क्या करें?
जीका वायरस को फैलाने वाले मच्छर से बचने के लिए वही उपाय हैं जो आप डेंगू से बचने के लिए करते आए हैं। जैसे मच्छरदानी का प्रयोग, पानी को ठहरने नहीं देना, आस-पास की साफ-सफाई, मच्छर वाले एरिया में पूरे कपड़े पहनना, मच्छरों को मारने वाली चीज़ों का इस्तेमाल और खून को जांचे बिना शरीर में ना चढ़वाना।
जीका वायरस का इतिहास
इसका संबंध अफ्रीका के जिका जंगल से है। जहां से 1947 में अफ्रीकी विषाणु अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक पीले बुखार पर रिसर्च करने रीसस मकाक (एक प्रकार का लंगूर) को लाए। इस लंगूर को हुए बुखार की जांच की गई, जिसमें पाए गए संक्रामक घटक (Infectious component) को जगंल का ही नाम 'जिका' दिया गया। इसके सात साल बाद 1954 में नाइजीरिया के एक व्यक्ति में यह वायरस पाया गया। इस वायरस के ज्यादा मामले पहली बार 2007 में अफ्रीका और एशिया के बाहर देखने को मिला और पिछले साल 2018 में राजस्थान के जयपुर में जीका वायरस के 22 मामले सामने आए हैं।