Covid-19 New Strain Symptoms: कोविड-19 के नए स्ट्रेन के लक्षण पुराने कोरोना वायरस से हैं अलग, जानिए - कैसे करें पहचान
Covid-19 New Strain Symptoms भारत में भी कोरोना वायरस के नए रूप के मामले ते़ज़ी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में हमारे लिए ये समझना बेहद ज़रूरी हो गया है कि पुराने कोविड-19 संक्रमण से नए वायरस के लक्षण कैसे अलग हैं।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Covid-19 New Strain Symptoms: साल 2020 ने हमें कई नए शब्दों के बारे में सिखाया और कई ऐसे शब्दों से दोबारा पहचान करवाई, जिनका इस्तेमाल हमें रोज़ करना पड़ेगा, ये हमने कभी नहीं सोचा था। इनमें क्वारेंटीन, महामारी, शारीरिक दूरी, आइसोलेशन आदि जैसे शब्द शामिल हैं। वहीं, साल 2021 ने हमारे सामने इस वायरस के नए रूप, मयूटेंट्स और स्ट्रैन्स रख दिए हैं।
भारत में भी कोरोना वायरस के नए रूप के मामले ते़ज़ी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में हमारे लिए ये समझना बेहद ज़रूरी हो गया है कि पुराने कोविड-19 संक्रमण से नए वायरस के लक्षण कैसे अलग हैं। हमने ये सुना है कि यूके का वैरिएंट या केंट वैरिएंट- B.1.1.7- बाकी वैरिएंट के मुकाबले ज़्यादा आसानी और ते़ज़ी से फैलता है। अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को बे एरिया में भी डबल म्यूटेंट स्ट्रेन पाया गया है, ये वही है जिसका कहर इस वक्त भारत में भी देखा जा रहा है।
कोविड-19 के लिए नेशनल टास्क फोर्स के अनुसार, SARS-CoV2 वायरस के 7,000 वेरिएंट हैं में 24,000 से अधिक म्यूटेशन हैं। ये सभी वेरिएंट या म्यूटेशन संक्रमित नहीं करते या संक्रमण को नहीं फैलाते, लेकिन किस स्ट्रेन का क्या लक्षण है, ये अब भी साफ नहीं हुआ है।
हालांकि, कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन में, लोगों में नए लक्षण देखे जा सकते हैं। आमतौर पर कोविड-19 के रोगियों में ये लक्षण दिखते हैं:
- बुख़ार
- मांसपेशियों में दर्द
- सूखी और लगातार खांसी होना
- स्वाद और सुगंध का महसूस न होना
लेकिन कई मरीज़ इन लक्षणों को महसूस नहीं भी कर सकते हैं, और उनमें इस तरह के अन्य लक्षण भी देखे जा सकते हैं:
- कनजंक्टीवाइटिस
- गला ख़राब होना
- सिर दर्द
- चकत्ते
- पेट में दर्द
- हाथों और पैरों की उंगलियों के रंग का बदल जाना
बच्चों में इन लक्षणों का होना संभावित मल्टीसिस्टम इंफ्लामेंट्री सिंड्रोम (MIS-C) का संकेत हो सकता है, जो एक घातक कोविड का परिणाम हो सकता है। सबसे अच्छी सलाह यही है कि अगर आप इनमें से कोई लक्षण देखते हैं, तो मरीज़ और परिवार की सेहत के लिए बेहतर यही है कि मरीज़ को आइसोलेट कर दिया जाए। इसके बाद डॉक्टर से संपर्क करें और टेस्ट के लिए अपॉइंमेंट लें। इस वक्त लक्षणों की जल्दी पहचान करने और फौरन एक्शन ले लेने से जान बचाई जा सकती है।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।