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Homeopathy For Dengue: होम्योपैथी से भी मुमकिन है डेंगू का इलाज!

Homeopathy Treatment for Dengue आमतौर पर डेंगू के इलाज के लिए मरीज़ एलोपैथी का सहारा लेते हैं लेकिन होम्योपैथी भी डेंगू के इलाज में बेहद ही कारगर सिद्ध होती है।

By Priyanka SinghEdited By: Published: Mon, 10 Sep 2018 05:18 PM (IST)Updated: Tue, 17 Sep 2019 03:15 PM (IST)
Homeopathy For Dengue: होम्योपैथी से भी मुमकिन है डेंगू का इलाज!
Homeopathy For Dengue: होम्योपैथी से भी मुमकिन है डेंगू का इलाज!

नई दिल्ली, जेएनएन। Homeopathy Treatment for Dengue:   इस साल मॉनसून की अति सक्रियता से देशभर के लगभग हर राज्य और शहर ने भारी बरसात का लुत्फ उठाया है और इससे जुड़ी कुछ परेशानियां भी झेली हैं। लेकिन मॉनसून अपने साथ लाता है मच्छरों से होने वाली बीमारियां जैसे डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया।

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पिछले कुछ सालों से डेंगू सिर्फ़ एक बीमारी नहीं बल्कि एक महामारी के रूप में सामने आई है। हर साल मॉनसून के दौरान और इसके बाद डेंगू का विकराल रूप देखने को मिलता है। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि राजधानी और देश के बाकी राज्यों में इस साल भी कुछ ऐसा ही देखने को मिल सकता है। इसलिए हमें अभी से सावधान होते हुए डेंगू की रोकथाम के हर तरीके का आज़माना चाहिए।

डेंगू की बीमारी ठहरे हुए साफ़ पानी में पैदा होने वाले एडीज़ इजिप्टी मच्छर के काटने से होती है। हालांकि डेंगू का इलाज संभव है और हर साल डेंगू के लाखों मरीज़ों को इलाज के ज़रिये स्वस्थ भी किया जाता है। आमतौर पर डेंगू के इलाज के लिए मरीज़ एलोपैथी का सहारा लेते हैं, लेकिन होम्योपैथी भी डेंगू के इलाज में बेहद ही कारगर सिद्ध होती है। आइये जानते हैं डेंगू में होम्योपैथी पद्धति के बारे में। 

डेंगू में होम्योपैथिक इलाज बेहद ही कारगर है लेकिन ज़्यादातर मामलों में मरीज़ या उसके परिजन ऐलोपैथी पर ही भरोसा जताते हैं। होम्योपैथी पद्धति बेहद ही भरोसेमंद है और इसमें किसी तरह के साइड-इफेक्टस भी नहीं होते। होम्योपैथिक इलाज के दौरान मरीज़ को नियमित दवाओं के साथ-साथ रक्त जांच के ज़रिये प्लेटलेट्स और ल्यूकोसाइट्स काउंट करवाते रहना चाहिए। होम्योपैथिक दवाओं में किसी तरह का साइड इफेक्ट देखने को नहीं मिलता लिहाज़ा होम्योपैथिक दवाएं डेंगू से पीड़ित गर्भवती महिलाओं को भी दी जा सकती हैं। डेंगू के इलाज में किसी भी तरह की लापरवाही जानलेवा सिद्ध हो सकती है इसलिए ये ज़रूरी है कि आप किसी विशेषज्ञ चिकित्सक से ही अपना इलाज कराएं। 

डेंगू के लक्षण 

डेंगू की शुरुआत तेज़ बुखार से होता है जिसके साथ पूरे शरीर, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द होता है। जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द की वजह से मरीज़ का चलना फिरना मुश्किल हो जाता है। जिसकी वजह से इसे 'हड्डी तोड़ बुखार' भी कहा जाता है। बुखार में आंखें लाल हो जाती हैं और आंखों से लगातार पानी बहता है। इन सबके साथ मरीज़ को उल्टी आना, जी घबराना, भूख नहीं लगना तथा नींद नहीं आना जैसे लक्षण भी झेलने पड़ते हैं। 

मच्छरों से बचाव के उपाय 

  1. छत या घर के बाहर रखे खुले बर्तनों, पुराने टायर या पानी के गडढ़ों में पानी इक्ट्ठा न होने दें। बाल्टी या किसी बर्तन में भरे हुए पानी को ढ़कें। मच्छर साफ और ठहरे पानी में ही पैदा होते हैं।
  2. कूलर के पानी को हर हफ़्ते बदलना चाहिए या उसमें कीटनाशक डालना चाहिए, अगर घर में कीटनाशक न हो तो आप पेट्रोल या मिट्टी का तेल भी डाल सकते हैं। जिससे इस पानी में मच्छर पैदा न हों। 
  3. घर के कोनों में कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करें और घर में साफ़ सफ़ाई रखें। 
  4. खिड़कियों में जाली लगाएं जिससे मच्छर खिड़की के ज़रिये घर में दाखिल न हो सकें। 
  5. रात को सोते वक़्त मच्छरदानी या मॉस्किटो रेपलेंट का इस्तेमाल करें। 

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