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Coronavirus & HIV Drug: जानें कोरोवा वायरस के इलाज में कैसे काम आ रही है एड्स की दवा?

HIV Drug For COVID-19 Patients एचआईवी और स्तन कैंसर के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एक दवा से COVID-19 रोगियों के कुछ गंभीर मामलों के इलाज में आशाजनक परिणाम दिखे हैं।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Tue, 07 Apr 2020 12:24 PM (IST)Updated: Tue, 07 Apr 2020 12:24 PM (IST)
Coronavirus & HIV Drug: जानें कोरोवा वायरस के इलाज में कैसे काम आ रही है एड्स की दवा?
Coronavirus & HIV Drug: जानें कोरोवा वायरस के इलाज में कैसे काम आ रही है एड्स की दवा?

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। HIV Drug For COVID-19 Patients: इस वक्त पूरी दुनिया के वैज्ञानिक नोवेल कोरोना वायरस (SARS-CoV-2) जिसकी वजह से हो रहे COVID-19 का इलाज ढूढ़ने के लिए दिन रात एक कर रहे हैं, वहीं, एक रिपोर्ट में सामने आया है कि एचआईवी और स्तन कैंसर के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एक दवा से COVID-19 रोगियों के कुछ गंभीर मामलों के इलाज में आशाजनक परिणाम दिखे हैं। 

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क्या है ये दवाई?

इस दवा का नाम लेरॉनलिमैब (leronlimab) है, ये एक शीशी में आती है। दो हफ्तों में इसके चार शॉट्स लगाए जाते हैं, यानी एक हफ्ते में दो बार इस्तेमाल किया जाता है। कोरोना वायरस के मरीज़ों पर हुए इस दवा के पहले ट्रायल में ग़ज़ब के नतीजे देखे गए। अब इसके दूसरे ट्रायल की तैयारी की जा रही है। 

कोरोना वायरस के खिलाफ कैसे काम करता है ड्रग?

अल्बर्ट आइंस्टीन कॉलेज ऑफ मेडिसिन विश्वविद्यालय अस्पताल के वैज्ञानिकों ने ऐसे 10 गंभीर रूप से बीमार कोरोना वायरस के मरीज़ों पर इस दवा का परीक्षण किया था जो या तो वेंटिलेटर पर थे या होश में नहीं थे। पहली खुराक के जाते ही इन मरीज़ों की हालत में थोड़ा

सुधार देखा गया। 

CytoDyn के सीईओ नादेर पोरहसन ने बताया कि पहली डोज़ जाने के बाद ही चार रोगियों जिन्हें वेंटिलेटर पर रखने के लिए इंटुब्यूट किया गया था, उन्हें एक्सटुबेट करने की ज़रूरत पड़ी, यानी कि वो अपने आप सांस ले पा रहे थे। इनमें से एक ने अपने आप ही सांस की नली निकाल दी और अच्छी तरह सतर्क हो गया। 

आपको बता दें, कि इस दवाई का पहले से ही एचआईवी और ब्रेस्ट कैंसर के मरीज़ों के इलाज में इस्तेमाल किया जाता रहा है। ये इम्यून सिस्टम को मज़बूती देता है और फेफड़ों में हो रही दिक्कत को भी ठीक करता है। 

देखे गए गज़ब के नतीजे

रिपोर्ट के मुताबिक, ये दोनों मरीज़ आईसीयू से बाहर आ चुके हैं। इसी के बाद, CytoDyn के एक्सपर्ट्स इस नतीजे पर पहुंचे कि COVID-19 के इलाज में ये दवाई मदद कर सकती है। आपको बता दें कि पूरी दुनिया में इस वक्त कोरोना वायरस के मरीज़ों की संख्या 13 लाख से ऊपर जा चुकी है, वहीं, 74 हज़ार से ज़्यादा लोगों की जान चुकी है।

पोरहसन ने बताया कि कंपनी को बड़ी उम्मीद है कि को वो इस दवाई से करोड़ों लोगों की जान बचा सकते हैं। उन्होंने कहा कि सभी 8 मरीज़ों में दवाई के सेवन के बाद से अच्छे सुधार देखे गए। ये नतीजे तीन खुराकों के बाद देखा गया था, जबकि दवा का पूरा असर दिखने में दो हफ्ते लग जाते हैं।

पोरहसन ने कहा, " जिन 8 मरीज़ों पर इस दवाई को टेस्ट किया था, उनके शरीर की इम्यूनिटी को बेहतर होते देखा गया। अब इस दवाई का उपयोग बाकी के मरीज़ों पर भी जल्द करने की तैयारी कर रहे हैं।" 


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