बच्चों से लेकर बड़े-बूढ़े तक के लिए जरूरी है ब्रेकफास्ट, जानें क्या खाकर रहें हेल्दी और हैप्पी
बच्चे हों या बड़े ब्रेकफास्ट हर किसी के लिए जरूरी है। हल्का ही खाएं लेकिन खाएं जरूर। तो आइए जानते हैं नाश्ते में क्या खाकर रह सकते हैं हेल्दी और हैप्पी।
दिन का सबसे जरूरी मील कहे जाने वाले ब्रेकफास्ट को हम उतना जरूरी नहीं मानते, उल्टा हमारा मानना होता है कि ब्रेकफास्ट स्किप करके हम जल्द से जल्द अपना वजन कम कर सकते हैं। यही गलत सोच हमारा वजन तो कम बेशक नहीं करती, बल्कि हमें कई बीमारियों का शिकार जरूर बना देती है, इसलिए ब्रेकफास्ट जरूर करें। आज हम जानेंगे बच्चों से लेकर बड़ों तक के लिए हेल्दी ब्रेकफास्ट ऑप्शन्स के बारे में...
स्कूल जाने वाले बच्चे
बच्चों को कभी भी घर से खाली पेट न निकलने दें, क्योंकि स्कूल पहुंचते-पहुंचते वे अंदर से कमजोरी महसूस करेंगे। कभी-कभी तो बच्चे बेहोश भी हो जाते है। थोड़ा नाश्ता करके जाने की आदत शुरू से डलवाएं। दूध/ ब्रेड/ दलिया या म्यूजली खिलाकर ही भेजें। सुबह के समय बादाम खिलाने से स्मरण शक्ति अच्छी होती है।
बड़ों के लिए
बड़ों के लिए दिनभर शारीरिक स्फूर्ति बनाए रखना अत्यंत आवश्यक होता है, क्योंकि इन्हें घर और कार्यालय दोनों के कामों की जिम्मेदारी उठानी पड़ती है। इस कारण सभी खाने के समूह नाश्ते में शामिल करने की कोशिश करें। कार्यस्थल पर टिफिन ले जाने में शर्माएं या हिचकिचाए नहीं।
वृद्धों के लिए
नाश्ता न लेने या कम लेने से लो ब्लड शुगर व लो ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है। नाश्ते में प्रोटीन और अनाज अति आवश्यक है। फाइबर की मात्रा बढ़ाने के लिये पत्तेदार सब्जियां, अंकुरित अनाज, दलिया या चोकर युक्त अनाज लें। प्रोसेस्ड फूड और बेकरी आइटम न खाएं। विभिन्न प्रकार के सीड्स से ऊर्जा, कैल्शियम और फाइबर मिलेगा।
डायबिटीज वाले लोग
इनके लिए नाश्ते को दो से तीन हिस्सों में बांटकर खाना अनिवार्य है जिससे कि एक समय पर ग्लाइसिमिक लोड कम रहे। सुबह उठने के 30 मिनट के अंदर कुछ न कुछ अवश्य खाएं। फाइबर और प्रोटीन लेने से ब्लड शुगर संतुलित रहेगी। सूरजमुखी के बीज लेने से भी शुगर नियंत्रित रहेगी साथ ही सूजन से भी निजात मिलेगी। दालचीनी खाना भी फायदेमंद रहता है।
दिल के मरीज
नाश्ते में गुड फैट्स अवश्य रखने चाहिए, जैसे कि बादाम, अखरोट और विभिन्न प्रकार के बीजों का मिश्रण। नाश्ते में लहसुन व एक्स्ट्रा वर्जिन आलिव ऑयल जरूर शामिल करें।
कब्ज से परेशान
एक बड़ा बाउल पपीता या मिक्स्ड फल खाएं। दही, ओट्स, दलिया, म्यूजली या चोकर युक्त अनाज लें। पत्तेदार सब्जियां, चिया और अलसी के बीज लें। ऑलिव ऑयल और अलसी के तेल का प्रयोग करने से भी राहत मिलती है।
पालीस्टिक ओवेरियन डिजीज वाले
इनके लिए नाश्ता दिन का सबसे बढि़या मील होना चाहिए। इंसुलिन सुचारु रूप से काम न कर पाने के कारण ऐसी चीजें नाश्ते में लेनी चाहिए जिनका ग्लाइसिमिक इंडेक्स कम हो, जैसे प्रोटीन, फल और सब्जियां व फाइबर युक्त अनाज। रिफाइंड खाना, जैसे मैदा, चीनी, बेकरी आइटम्स न लें। अलसी के बीज का पाउडर व तेल ओवरी की हेल्थ, माहवारी की नियमितता ब्लड शुगर के संतुलन में बहुत मदद करता है।
किडनी से पीड़ित
किडनी की समस्याएं कई प्रकार की होती हैं। अधिकतर में प्रोटीन कम लेने की सलाह दी जाती है, परंतु डायलिसिस पर जो मरीज होते है उन्हें अधिक प्रोटीन दिया जाता है। ऐसे में यह आवश्यक है कि प्रोटीन, सोडियम, पोटेशियम युक्त खाद्य पदार्थ डॉक्टर से पूछकर ही लें। विटामिन सी युक्त पदार्थो को नाश्ते में जरूर शामिल करें, जैसे नींबू, संतरा, आंवला, पपीता, रंगीन शिमला मिर्च आदि।नाश्ता हमारे शरीर की एक मूलभूत या बुनियादी मांग है। यदि हम चाहते हैं कि न केवल हमारा दिन, बल्कि पूर्ण जीवन उत्तम रहे और ऊर्जा की कमी या बीमारी के कारण हमारा कोई काम न रुके तो हम एक पौष्टिक व संतुलित नाश्ते की अनदेखी कदापि नहीं कर सकते हैं। यदि हम नाश्ते का महत्व भलिभांति समझ जाएं तो अपनी सोच और आदतों दोनों में ही सुधार ला सकते हैं और जीवन में नई स्फूर्ति के आगमन की उम्मीद भी रख सकते हैं।