Coronavirus New Symptoms: भ्रम भी कोरोना के शुरुआती लक्षणों में शामिल, रिसर्च
Coronavirus New Symptoms बुखार और भ्रम कोरोना संक्रमण से कई दिनों पहले हो सकता है। भ्रम एक ऐसी अवस्था है जब व्यक्ति वास्तविकता से अलग-थलग महसूस करता है। ये लक्षण खांसी जुकाम और सांस में परेशानी से पहले ही आते हैं।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। कोरोनावायरस महामारी के लक्षणों में बढ़ोतरी होती जा रही है। शुरूआत में सर्दी, खांसी, बुखार, सांस लेने और गले में परेशानी को ही कोरोना के लक्षणों में गिना जाता था। वक्त के साथ-साथ कोरोना के लक्षणों में भी इज़ाफा हो रहा है। शोधकर्ताओं ने अध्ययन में पाया है कि बुखार के साथ भ्रम भी कोरोना का शुरूआती लक्षण हो सकते है, खासकर भुजुर्गों में ये लक्षण अधिक है।
जर्नल ऑफ क्लिनिकल इम्यूनोलॉजी एंड इम्यूनोथेरेपी में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, बुखार और भ्रम कोरोना संक्रमण से कई दिनों पहले हो सकता है। अध्ययन के अनुसार, भ्रम को कोविड -19 का प्रारंभिक लक्षण माना जाना चाहिए, विशेष रूप से बुजुर्ग रोगियों में।
यूनिवर्सिटी ऑफ स्पेन स्थित अल्बर्टा डी कैटेलोनिया के जेवियर कोर्रेया ने कहा भ्रम एक ऐसी अवस्था है जब व्यक्ति वास्तविकता से अलग-थलग महसूस करता है। ये लक्षण खांसी, जुकाम और सांस में परेशानी से पहले ही आते हैं।
फ्रांस के बोर्डो विश्वविद्यालय में यह अध्ययन करने वाले कोर्रिया ने कहा, इस महामारी की स्थिति में हमें इस बारे में सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि व्यक्ति में बेहोशी की स्थिति कोरोना वायरस से संक्रमण का लक्षण हो सकता है।
कोर्रिया ने सह शोधकर्ता डियागो रेडोलर रिपोल के साथ मिलकर केंद्रीय तंत्रिका तंत्र और दिमाग पर कोविड-19 के पड़ने वाले असर को लेकर किए गए अनुसंधानों की समीक्षा की और उनके आधार पर इस निष्कर्ष पर पहुंचे।
अध्ययन में शामिल विशेषज्ञों ने पाया कि ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि कोरोनावायरस केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को भी प्रभावित करता है और तंत्रिका के सामान्य संदेशों में हस्तक्षेप कर सिरदर्द और मतिभ्रम जैसे लक्षण पैदा करता है।
अध्ययन के मुताबिक बेहोशी, मतिभ्रम और व्यवहार में बदलाव संभवत: अंगों में होने वाली व्यवस्थागत सूजन से आता है जो दिमाग के हिप्पाोकैम्पस इलाके की तंत्रिका तंत्र की कोशिका में भी सूजन लाकर नुकसान पहुंचाता है।