जानें, कोरोना होम क्वारंटाइन में मरीजों के पास किस तरह की सेल्फ-केयर किट होनी चाहिए
इस किट में पेरासिटामोल बी-कॉम्प्लेक्स विटामिन-सी की गोलियां हैंड सैनिटाइज़र हाथ के दस्ताने की एक जोड़ी और तीन फेस मास्क हैं।
दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। ग्रेटर हैदराबाद नगरपालिका निगम (GHMC)ने COVID-19 से संक्रमित और अलक्षणी उन मरीजों को सेल्फ-केयर किट बांटना शुरू कर दिया है, जो होम क्वारंटाइन में हैं। कोरोना वायरस से संक्रमित लोग सेल्फ-केयर किट को COVID-19 सरकारी अस्पतालों से मुफ्त में प्राप्त कर सकते हैं। इस सेवा को उन लोगों के लिए शुरू किया गया है, जो अस्पतालों में भर्ती नहीं हैं। ख़बरों की मानें तो हैदराबाद में 10 हजार से अधिक संक्रमित लोग होम क्वारंटाइन में हैं। लगभग इसी तरह की व्यवस्था देश की अन्य जगहों पर भी क्वारंटाइन में रह रहे मरीजों के लिए की गई है।
इस किट में पेरासिटामोल, बी-कॉम्प्लेक्स, विटामिन-सी की गोलियां, हैंड सैनिटाइज़र, दस्ताने की एक जोड़ी और तीन फेस मास्क हैं। किट में कोई लिखित दवाइयां नहीं दी जाती हैं, बल्कि अस्पतालों में मरीजों को दी जाने वाली दवाइयां दी जाती हैं। इस बात की जानकारी ग्रेटर हैदराबाद नगरपालिका निगम के स्वास्थ्य विंग के एक अधिकारी ने दी है।
उन्होंने जोड़ते हुए कहा कि सेल्फ-केयर किट केवल और केवल होम क्वारंटाइन लोगों को दिया जा रहा है, जो लोग अस्पतालों में भर्ती है, उन्हें यह किट नहीं दिया जा रहा है। अधिकारी ने आगे कहा, "इन किटों को यूसुफगुडा, लिंगमपल्ली, पाटनचेरु और चंदननगर के क्षेत्रों में सबसे अधिक वितरित किया गया था, जहां COVID-19 संक्रमितो की संख्या अधिक है"।
अगर COVID-19 पॉजिटिव व्यक्ति अलक्षणी हैं, तो निगम उन्हें उनकी इच्छा पर घर भेज रहा है। ऐसा तब किया जाता है, जब संक्रमित व्यक्ति यह सुनिश्चित करता है कि वह घर में क्वारंटाइन के नियमों का सख्ती से पालन करेगा। जबकि जो संक्रमित व्यक्ति अस्पताल में भर्ती होना चाहता है, उसे निगम द्वारा अस्पताल में भर्ती कराया जाता है।
सरकारी अस्पतालों में सेल्फ-केयर किट्स मुफ्त में दिए जा रहे हैं। जबकि निजी अस्पतालों में सेल्फ-केयर किट के लिए निर्धारित शुल्क देना पड़ता है। अगर कोई संक्रमित व्यक्ति सेल्फ-केयर किट लेना चाहता है तो उसे COVID-19 टेस्ट रिपोर्ट दिखाना जरूरी है। गौरतलब है कि तेलंगाना में COVID-19 से 37745 लोग संक्रमित पाए गए हैं, जिनमें 24 हजार 850 लोगों का सफल इलाज किया जा चुका है। जबकि इस वायरस से अब तक 375 लोगों की मौत हो चुकी है।
डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।