इस अभियान के तहत सरकार सभी नागरिकों को Covid-19 टीका देने की कर रही है तैयारी!
कोरोना वायरस के इलाज के लिए कई देशों ने वैक्सीन विकसित की है जिनमें रूस के स्पुतनिक सबसे आगे है। खबरों की मानें तो स्पुतनिक पहला वैक्सीन है जो आम लोगों के लिए उपलब्ध हो सकता है।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। कोरोना वायरस संक्रमित देशों की सूची में भारत दूसरे नंबर पर है। अगर रोजाना कोरोना वायरस से संक्रमितों की संख्या पर नजर डालें, तो ऐसा लगता है कि अगले महीने भारत Covid-19 मामले में अमेरिका से आगे निकल जाएगा। कोरोना वायरस के इलाज के लिए कई देशों ने वैक्सीन विकसित की है, जिनमें रूस के स्पुतनिक सबसे आगे है।
खबरों की मानें तो स्पुतनिक पहला वैक्सीन है जो आम लोगों के लिए उपलब्ध हो सकता है। हालांकि परीक्षण और परिनियोजन रणनीतियों पर अभी भी काम किया जा रहा है। ऐसे में संभावना है कि दिसंबर महीने के बाद कोरोना वैक्सीन लोगों के लिए तैयार मिले। हालांकि, बड़ी और जटिल समस्या यह है कि अगर वैक्सीन उपलब्ध हो जाता है, तो सबसे पहले किसे देना उचित हो सकता है।
अगर बात अन्य देशों की करें, तो इसके लिए पूरी तैयारी की गई है। एक रोड मैप बनाया गया है कि किन वर्गों के लोगों को सबसे पहले कोरोना का टीका लगाया जा सकता है। इसमें स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी, शिक्षक, सेवा और रक्षा से जुड़े लोगों को प्राथमिकता दी गई है। वहीं, वृद्ध व्यक्तियों को भी पहले टीका दिए जाने पर भी विचार-विमर्श जारी है। जबकि भारत की आबादी 138 करोड़ है। ऐसे में फिलहाल यह मुमकिन नहीं है कि सभी को टीका मिले। इसके लिए प्राथमिक वर्गीकरण जरूरी है कि किन वर्गों को सबसे पहले टीका दिया जाना चाहिए।
वर्तमान समय में कोरोना वैक्सीन कम कीमतों पर मिल सकते हैं, क्योंकि महामारी के समय में टीके को लाभ के उद्देश्य से नहीं बेचा जाता है। हालांकि, स्वास्थ्य सुविधा सूची में भारत अभी पीछे है। ऐसे में भारत को टीके के लिए अन्य देशों पर निर्भर रहना पड़ सकता है। टीकाकरण अभियान युद्धस्तर पर चलाने की जरूरत है।
इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार निःशुल्क टीकाकरण अभियान चला सकती है। इससे अधिक से अधिक लोग लाभान्वित हो सकते हैं। खासकर गरीब और पिछड़े तबकों के लिए यह जरूरी है। जबकि बाद में सब्सिडी पर विचार किया जा सकता है। हालांकि, आने वाले समयों में लोगों को समस्याओं से बचने के लिए जागरूक करने की भी जरूरत है।