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कोविड-19 की वजह से अमेरिका में 5 लाख कम बच्चों का होगा जन्म

अमेरिका में हुए फर्टिलिटी अध्ययन की समीक्षा के बाद यह निष्कर्ष पाया गया है कि अमेरिका में कोविड-19 के कारण बच्चों के जन्म में तीन लाख से लेकर पांच लाख की कमी आएगी।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Tue, 30 Jun 2020 01:19 PM (IST)Updated: Tue, 30 Jun 2020 07:20 PM (IST)
कोविड-19 की वजह से अमेरिका में 5 लाख कम बच्चों का होगा जन्म
कोविड-19 की वजह से अमेरिका में 5 लाख कम बच्चों का होगा जन्म

नई दिल्ली,लाइफस्टाइल डेस्क। कोरोनावायरस महामारी के कारण इस साल अमेरिका में पांच लाख कम बच्चों का जन्म होगा। वाशिंगटन के ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूशन द्वारा किए गए शोध में इस बात का खुलासा हुआ है। संस्थान में 2007-2009 की महामंदी के दौरान और 1918 में स्पेनिश फ्लू के दौरान अमेरिका में हुए फर्टिलिटी अध्ययन की समीक्षा करने के बाद यह निष्कर्ष निकाला गया है।

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पूर्व शोधों के डाटा और कोरोनावायरस महामारी के दौरान बढ़ी बेरोजगारी का आकलन करने के बाद शोधकर्ताओं ने यह निष्कर्ष निकाला है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका में कोविड-19 के कारण बच्चों के जन्म में तीन लाख से लेकर पांच लाख की कमी आएगी। न्यूयॉर्क के मार्च ऑफ डाइम्स के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर राहुल गुप्ता ने कहा कि उनकी टीम भी इसी परिणाम पर पहुंची है कि अमेरिका में जन्म की संख्या बढ़ने की जगह घटेगी।

उन्होंने कहा, जब हमने कैलकुलेट किया और 1918 की महामारी को देखा तो पाया कि नौ से 10 महीने बाद जन्मदर में 10 फीसदी की कमी देखी जाएगी। जन्मदर में 10 से 15 फीसदी की कमी चिंता का सबब है। ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूट के अनुसार, महामंदी के दौरान जन्म की संख्या में नौ फीसदी की कमी आई थी, जिससे चार लाख कम बच्चे पैदा हुए थे। उन्होंने देखा कि 1918 के स्पेनिश फ्लू के दौरान भी जन्मदर में 12.5 फीसदी की कमी आई थी।

ऑस्ट्रेलियन इंस्टीट्यूट ऑफ फैमिली स्टडीज की निदेशक ऐने होलोंड्स ने कहा कि हमारी जन्मदर पहले से ही कम है और कोविड-19 के कारण जन्मदरों में कोई भी बढ़ोतरी देखने को नहीं मिलेगी। 1918 के स्पेनिश फ्लू के दौरान भी ऑस्ट्रेलिया की जन्मदर में कोई बदलाव नहीं आया था। उन्होंने कहा कि चूंकि महिलाओं के प्रजनन दर का संबंध उनके रोजगार से है, इसलिए ऑस्ट्रेलिया की जन्मदर में कोरोना का कोई खास असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि यूरोपीय देशों की तुलना में हमारे देश में महिलाओं की नौकरी जाने का खतरा कम है। 

               Written By Shahina Noor


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