Honey For Babies: छोटे बच्चों को शहद खिलाना कितना है सही? जानें इसके ख़तरे
Honey For Babiesशहद के पौष्टिक गुणों के बावजूद यह 12 महीने से कम उम्र के बच्चों को नहीं दिया जाना चाहिए क्योंकि शहद में मौजूद हानिकारक जीवाणुओं के कारण शिशु को संक्रमण हो सकता है
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Is Honey Bad For Babies?: अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए मां-बाप कई तरह की पौष्टिक चीज़ें खिलाते हैं। अगर बच्चा बड़ा हो गया है तो आपके सामने कई चीज़ों का विकल्प होता है लेकिन अगर बच्चा छोटा है तो खाने-पीने के मामले में ज़्यादा ध्यान देने की ज़रूरत होती है।
नवजात बच्चे बहुत संवेदनशील होते हैं और इसलिए किसी भी बीमारी या इंफेक्शन से उनका बचाव किया जाना बेहद ज़रूरी है। एक परिवार में बच्चे का जन्म किसी उत्सव से कम नहीं होता, और इस मौके पर हर परिवार की खास परंपराऐं होती हैं। भारत में बच्चे के जन्म होने पर उसे शहद चटाने की परंपरा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि क्या नवजात शिशु के लिए शहद अच्छा होता है? क्या शहद का कोई नुकसान भी हो सकता है?
आपको यह बात जानकर हैरानी हो सकती है कि शहद के पौष्टिक गुणों के बावजूद, यह 12 महीने से कम उम्र के बच्चों को नहीं दिया जाना चाहिए क्योंकि शहद में मौजूद हानिकारक जीवाणुओं के कारण शिशु को 'बोटुलिज़्म' नामक पाचन संक्रमण हो सकता है।
शहद से क्लॉस्ट्रिडियम बोटुलिनम जैसी कई बीमारियां हो सकती हैं, जो शिशु के आंत में पनप सकती हैं और बोटुलिज़्म का कारण बन सकती हैं।
बोटुलिज़्म बैक्टीरिया क्लॉस्ट्रिडियम बोटुलिनम की वजह से होने वाला एक प्रकार का खाद्य-संक्रमण है। क्लॉस्ट्रिडियम बोटुलिनम आमतौर पर डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ, मीट, मिट्टी और शहद जैसे खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। इससे ये बीमारियां शिशु के पाचन तंत्र में फ़ैल सकती हैं और बोटुलिज़्म का कारण बन सकती हैं। यह बीमारी खतरनाक है और शिशु की मौत का कारण बन सकती है क्योंकि बच्चों की आंतों में बैक्टीरिया के बीजाणु फंस सकते हैं, जिसकी वजह से छोटे बच्चे बहुत कमज़ोर और बीमार पड़ सकते है।
शिशु बोटुलिज़्म एक घातक बीमारी है जो बच्चे के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती है। बोटुलिज़्म के लक्षण 8-36 घंटों के अंदर देखे जा सकते हैं।
अगर आपके बच्चे में भी ये लक्षण दिखाई देते हैं तो उसे फौरन अस्पताल ले जाएं-
1. मांसपेशी में कमज़ोरी
2. कब्ज़ (शिशु बोटुलिज़्म का ख़तरनाक संकेत)
3. भूख की कमी
4. सांस लेने में कठिनाई
5. मुरझाई पलकें
6. रोने और दूध पीने में कमज़ोर दिखाई देना