एक्सपर्ट्स का दावा, ओमिक्रॉन ही करेगा कोरोना महामारी का अंत
साइंटिस्ट का दावा है कि ओमिक्रॉन ही अब कोरोना महामारी का अंत करेगा...जो राहत की खबर है लेकिन फिर भी इसे मामूली समझने की गलती न करें। जरूरी सावधानियों के साथ ही सेहत पर भी खासतौर से ध्यान दें।
ब्रिटिश मेडिकल काउंसिल के फॉर्मर साइंटिस्ट और कुछ अन्य एक्सपर्ट्स के मुताबिक नया वेरिएंट ओमिक्रॉन ही कोरोना के खात्मे की वजह बनेगा। इसलिए ओमिक्रॉन से बचने के लिए जरूरी सावधानियां बरतें लेकिन इसे लेकर बहुत ज्यादा डरें नहीं। उनका मानना है कि ये वेरिएंट ही अब इस महामारी का अंत करेगा। डेल्टा की अपेक्षा ओमिक्रॉन लंग्स में बहुत ही कम स्पीड से फैल रहा है।
फेफड़ों को गंभीर रूप से नहीं कर संक्रमित
ब्रिटिश मेडिकल काउंसिल के फॉर्मर साइंटिस्ट डॉ. राम एस उपाध्याय के मुताबिक, ओमिक्रॉन डेल्टा वेरिएंट से बहुत अलग है। जहां डेल्टा वेरिएंट लंग्स में पहुंचकर उसे नुकसान पहुंचाता है, वहीं ओमिक्रॉन श्वासनली में रुककर अपनी संख्या को बढ़ाता है। ओमिक्रॉन जब तक फेफड़ों में पहुंचता है, तब तक इसकी स्पीड 10 गुना कम हो जाती है इसलिए मरीज को ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत नहीं पड़ती।
एक्टिव हो जाती है एंटीबॉडी
इंसान की श्वासनली में म्यूकोसल नामक इम्यून सिस्टम होता है, जो इन्यूनिटी सिस्टम का केंद्र होता है। यहीं पर एक एंटीबॉडी का निर्माण होता है जिसे इम्यूनोग्लोबुलिन आईजीए के नाम से जाना जाता है। क्योंकि ओमिक्रॉन श्वासनली में ही अपनी संख्या बढ़ा रहा है तो इससे पहले से बॉडी में मौजूद एंटीबॉडी तुरंत एक्टिव हो जाती है। सरल शब्दों में समझें तो ओमिक्रॉन के सीरियस होने से पहले ही एंटीबॉडी उसका खात्मा कर देती है। जो सबसे अच्छी बात है।
ओमिक्रॉन के तेजी से बढ़ते मामलों को देखते हुए इसे रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं, लेकिन आमजन को भी अपने स्तर पर इसे रोकने के प्रयास करने होंगे।
इन नियमों का सख्ती से करें पालन
- बिना शारीरिक कॉन्टेक्ट के एक-दूसरे का अभिवादन करें।
- शारीरिक दूरी का पालन करें।
- मास्क का उपयोग करें।
- आंख, नाक और मुंह को न छूएं।
- श्वसन संबंधी सफाई का ध्यान रखें।
- हाथों को समय-समय पर अच्छे से साफ करें।
- तंबाकू खाने से बचें और सार्वजनिक जगहों पर न थूकें।
- बार-बार छूने वाली सतहों जैसे दरवाजे के हैंडल, कुंडी इत्यादि को साफ करते रहें।
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