एंडोमेट्रियल कैंसर को न करें अनदेखा, लक्षणों की पहचान कर तुरंत कराएं इलाज
अधिकतर स्त्रियां एंडोमेट्रियल कैंसर के लक्षणों को अनदेखा कर देती हैं। क्यों होती है यह समस्या और इससे कैसे करें बचाव जानते हैं एक्सपर्ट के साथ।
एंडोमेट्रियल कैंसर
गर्भाशय की भीतरी लाइनिंग को एंडोमेट्रियम कहा जाता है। कई बार इसकी सतह अपने आप मोटी होने लगती है और उसमें ट्यूमर की तरह कुछ असामान्य सी गांठें उभर आती हैं, जो कई बार कैंसरयुक्त भी होती हैं। इसी शारीरिक अवस्था को एंडोमेट्रियल कैंसर कहा जाता है।
बीमारी की वजह
किसी भी अन्य कैंसर की तरह इसके कारणों पर रिसर्च जारी है और अभी तक इसके लिए किसी एक स्पष्ट कारण की पहचान नहीं हो पाई है। फिर भी ऐसा अनुमान लगाया जाता है कि आनुवंशिकता, खानपान की गलत आदतों, अनियमित दिनचर्या, डायबिटीज़ और ओबेसिटी होने पर इस बीमारी की आशंका बढ़ जाती है।
क्या है इसके लक्षण
अनियमित या अधिक ब्लीडिंग, महीने में पंद्रह दिनों के अंतराल पर दो बार पीरियड्स आना या कभी डेढ़-दो महीने के बाद अचानक पीरियड्स शुरू हो जाना, मटमैला सा बदबूदार डिस्चार्ज, पेट के निचले हिस्से में दर्द, तेज़ी से वज़न घटना और कमज़ोरी आदि इसके प्रमुख लक्षण हैं।
किस आयु वर्ग की स्त्रियों में होती है इसकी संभावना
आमतौर पर 40 वर्ष से अधिक उम्र की स्त्रियों में ही इसके लक्षण दिखाई देते हैं।
ऐसे करें बचाव
1. संतुलित खानपान से वज़न को नियंत्रित रखना चाहिए।
2. घी, मक्खन, रेड मीट, पिज़्ज़ा-बर्गर, मिठाई, चॉकलेट, पेस्ट्री और सॉफ्ट ड्रिंक जैसी हाई कैलरी वाली चीज़ों का सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए।
3. रोज़ाना कम से कम सात घंटे की नींद अवश्य लें।
4. चाहे कितनी भी व्यस्तता हो, नियमित एक्सरसाइज़ और वॉक के लिए समय ज़रूर निकालें।
5. कुल मिलाकर इन गतिविधियों से अपने बढ़ते वज़न को नियंत्रित रखें।
6. कोई समस्या न हो, फिर भी साल में एक बार अपना शुगर लेवल ज़रूर चेक करवाएं।
7. अगर पीरियड्स के दौरान कोई भी असामान्य लक्षण नज़र आए तो बिना देर किए डॉक्टर से सलाह लेना ज़रूरी है।
अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप