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Papaya Side Effects: कहीं आप पपीता ज्यादा तो नहीं खाते? जानिए इसके 5 साइड इफेक्ट्स

Papaya Side Effectsपपीता ऐसा लो कैलोरी फूड है जो खनिज फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होता है। यह वज़न को कंट्रोल करता है। पपीता का सेवन उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को कम करता है साथ ही कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी नियंत्रित करता है।

By Shahina Soni NoorEdited By: Published: Fri, 16 Jul 2021 01:57 PM (IST)Updated: Fri, 16 Jul 2021 01:57 PM (IST)
Papaya Side Effects: कहीं आप पपीता ज्यादा तो नहीं खाते? जानिए इसके 5 साइड इफेक्ट्स
पपीते का अत्यधिक सेवन करने से फूड पाइप को चोट पहुंच सकती है।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। औषधीय गुणों से भरपूर पपीता सेहत के लिए बेहद जरूरी है। एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुणों से भरपूर पपीता को लोग सुबह-सुबह खाली पेट खाना ज्यादा पसंद करते हैं। यह लो कैलोरी फूड खनिज, फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर है, जो वज़न को कंट्रोल करता है। पपीता का सेवन उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को कम करता है, साथ ही कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी नियंत्रित करता है। स्किन समस्याओं और कब्ज का बेहतरीन इलाज भी है पपीता। पपीते को कच्चा और पका हुआ दोनों रूपों में इस्तेमाल किया जाता है। आप जानते हैं कि इतने गुणकारी पपीते के कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। आइए जानते हैं पपीते के साइड इफेक्ट भी-

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एलर्जी कर सकता है पपीता:

कुछ लोग कच्चा पपीता खाना पसंद करते हैं, लेकिन आप जानते हैं कि कच्चा पपीता एलर्जी का कारण बन सकता है। संवेदनशील लोगों को कच्चे पपीते का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।

ज्यादा पपीता फूड पाइप को नुकसान पहुंचा सकता है: 

अत्याधिक पपीते का सेवन करने से फूड पाइप को चोट पहुंच सकती है। पपीता का स्वाद अगर आप को अच्छा लगता है तो उसका सीमित सेवन कीजिए।

मिसकैरेज कर सकता है पपीता:

पपीते के बीज और उसकी जड़ मिसककैरेज का कारण बन सकता है। कच्चा पपीता गर्भाशय को संकुचित कर सकता है, इसलिए प्रेग्नेंसी में महिलाएं पपीता का सेवन करने से परहेज करें।

शुगर के मरीज़ों को नुकसान पहुंचा सकता है:

यदि आप शुगर के पेशेंट है तो पपीते का ज्यादा सेवन आपके लिए खतरनाक हो सकता है। बहुत अधिक पपीते का सेवन करने से आपके रक्त में शर्करा के स्तर में गिरावट आ सकती है, जो खतरनाक हो सकता है।

प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकता है:

पपीते के बीज का अर्क पुरुषों में प्रजनन क्षमता कम कर सकता है। यह स्पर्म की संख्या को कम कर सकता है। इतना ही नहीं स्पर्म की गतिशीलता को भी प्रभावित कर सकता है।

डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें। 


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