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Diabetes Diet: रोज़ाना अंडे खाने से बढ़ सकता है डायबिटीज़ का ख़तरा, जानें कितना खाना है सही!

Diabetes Diet हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि डायबिटीज़ के बढ़ते मामले चिंता का विषय बन गए हैं खासतौर पर चीन में जहां पारंपरिक खाने को छोड़ लोग प्रोसेस्ड फूड की तरफ जा रहे हैं जिससे सेहत पर तेज़ी से बुरा असर पड़ रहा है।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Wed, 18 Nov 2020 12:59 PM (IST)Updated: Wed, 18 Nov 2020 12:59 PM (IST)
Diabetes Diet: रोज़ाना अंडे खाने से बढ़ सकता है डायबिटीज़ का ख़तरा, जानें कितना खाना है सही!
रोज़ाना अंडे खाने से बढ़ सकता है डायबिटीज़ का ख़तरा

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Diabetes Diet: दक्षिण ऑस्ट्रेलिया में हुई एक नई रिसर्च में देखा गया कि ज़्यादा अंडे खाने से डायबिटीज़ होने का जोखिम बढ़ जाता है। चीन मेडिकल और कतार विश्वविद्यालय के साथ मिलकर हुई ये ऐसी पहली रिसर्च थी, जिसमें एक बड़े पैमाने पर चीनी वयस्कों की अंडे की खपत का आकलन किया गया।

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कितने अंडे खाना है सही?

इस रिसर्च के मुताबिक जो लोग नियमित रूप से रोज़ाना एक या एक से अधिक अंडे (50 ग्राम के बराबर) का सेवन करते हैं, उनमें मधुमेह का ख़तरा 60 प्रतिशत बढ़ जाता है। यानि दिन में एक से ज़्यादा अंडे खाना नुकसानदेह हो सकता है। चीन में मधुमेह की व्यापकता अब 11 प्रतिशत से अधिक है, जो वैश्विक औसत 8.5 प्रतिशत से ऊपर है, यही वजह है कि वहां मधुमेह एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता बन गया है।

मधुमेह का आर्थिक प्रभाव भी महत्वपूर्ण है, जो वैश्विक स्वास्थ्य व्यय (USD $760 बिलियन) का 10 प्रतिशत है। चीन में, डायबिटीज़ से संबंधित लागत 109 बिलियन यूएस डॉलर से अधिक हो गई है। महामारी एक्सपर्ट और सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ, डॉ. मिंग ली कहते हैं कि डायबिटीज़ के बढ़ते मामले चिंता को बढ़ा रहे हैं, खासकर चीन में जहां पारंपरिक चीनी आहार में परिवर्तन स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहे हैं।

डॉ. ली ने कहा, "ये पहले से साबित हो चुका है कि आहार एक ऐसा कारक है, जो टाइप 2 मधुमेह की शुरुआत में योगदान देता है, इसलिए आहार कारकों की सीमा को समझना जो बीमारी के बढ़ते प्रसार को प्रभावित कर सकता है, बेहद महत्वपूर्ण है। पिछले कुछ दशकों में चीन एक पोषण के बदलाव से गुज़रा है, जिसमें देखा गया है कि कई लोग अनाज और सब्जियों से भरपूर चीनी पारंपरिक आहार से दूर जा रहे हैं। अब लोग प्रोसेस्ड डाइट लेने लगे हैं, जिसमें मांस, स्नैक्स की मात्रा ज़्यादा होती है और पोषण न के बराबर।" 

डॉ. ली ने आगे कहा, "इसी के साथ, अंडों का सेवन भी तेज़ी से बढ़ रहा है। साल 1991 से 2009 के बीच चीन में अंडे खाने वाले लोगों की संख्या डबल हो गई है। हालांकि, अंडो का सेवन और डायबिटीज़ के बीच के रिश्ते को लेकर कई बार बहस हो चुकी है, लेकिन इस रिसर्च ने लोगों के अंडों के लंबे समय तक सेवन और मधुमेह के विकास के जोखिम का आकलन करने का लक्ष्य रखा है।"    

रिसर्च में क्या पाया

डॉ. ली के अनुसार, टीम ने रिसर्च के दौरान पाया कि चीन में जो लोग लंबे समय तक 38 ग्राम से ज़्यादा अंडे रोज़ाना खाते हैं, उनमें डायबिटीज़ होने का ख़तरा लगभग 25 प्रतिशत बढ़ जाता है। वहीं वयस्क अगर रोज़ाना एक से ज़्यादा अंडे खाते हैं, तो उनमें डायबिटीज़ का ख़तरा 60 प्रतिशत बढ़ जाता है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में इसका प्रभाव ज़्यादा देखा गया।

डॉ. ली ने कहा कि इस रिसर्च के परिणाम से ये समझ आता है कि जो चीनी वयस्क रोज़ाना ज़्यादा मात्रा में अंडे खाते हैं, उन्हें डायबिटीज़ होने का ख़तरा ज़्यादा होता है, हालांकि, इस बारे में रिसर्च अभी बाकी है कि क्या अंडे खाने से ही डायबिटीज़ का ख़तरा बढ़ जाता है। 

डायबिटीज़ को हराने के लिए हर पहलू की रिसर्च होने की ज़रूरत है, साथ ही आम जनता की मदद के लिए सही सूचना और मार्गदर्शन के लिए स्पष्ट दिशानिर्देशों की ज़रूरत होगी।


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