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हाइपरटेंशन को कंट्रोल करने के लिए रोजाना करें विपरीत करनी

विपरीत करनी हिंदी के दो शब्दों विपरीत यानी उल्टा और आसन से मिलकर बना है। आसान शब्दों में कहें तो यह योग उल्टा होकर किया जाता है। इस योग को करने से डायबिटीज तनाव और हाइपरटेंशन में आराम मिलता है।

By Umanath SinghEdited By: Published: Mon, 19 Apr 2021 06:48 PM (IST)Updated: Mon, 19 Apr 2021 06:48 PM (IST)
हाइपरटेंशन को कंट्रोल करने के लिए रोजाना करें विपरीत करनी
विपरीत करनी हिंदी के दो शब्दों विपरीत यानी उल्टा और आसन से मिलकर बना है।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। आजकल खराब दिनचर्या, अनुचित खानपान और तनाव के चलते कई बीमारियां दस्तक देती हैं। इनमें मोटापा, डायबिटीज, तनाव, अनिद्रा और हाइपरटेंशन शामिल हैं। हाइपरटेंशन को हिंदी में उच्च रक्त चाप कहते हैं।  सामान्यतः 140/90 से ऊपर के रक्तचाप को हाइपरटेंशन कहा जाता है। वहीं, जब रक्तचाप का दबाव 180/120 से ऊपर चला जाता है, तो सेहत के लिए खतरनाक माना जाता है। इस बीमारी से स्त्री और पुरुष दोनों ही शिकार होते हैं। खासकर 30 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति को उच्च रक्तचाप का खतरा अधिक रहता है। अगर आप भी उच्च रक्तचाप से परेशान हैं, तो योग का सहारा ले सकते हैं। योग के कई साधन हैं। इनमें एक विपरीत करनी है। इस योग को करने से हाइपरटेंशन में बहुत आराम मिलता है। साथ ही डायबिटीज के लिए यह रामबाण है। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-

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विपरीत करनी आसन

विपरीत करनी हिंदी के दो शब्दों विपरीत यानी उल्टा और आसन से मिलकर बना है। आसान शब्दों में कहें तो यह योग उल्टा होकर किया जाता है। इस योग को करने से डायबिटीज, तनाव और हाइपरटेंशन में आराम मिलता है। विशेषज्ञों की मानें तो तनाव सभी बीमारियों का मुख्य कारण है। विपरीत करनी करने से स्ट्रेस हार्मोन कम होता है, जिससे हाइपरटेंशन कंट्रोल में रहता है।

कैसे करें विपरीत करनी

इसके लिए समतल जमीन पर दरी बिछा लें। दरी घर में बालकनी अथवा कमरे की दीवार के साथ बिछाएं। अब दीवार के सहारे लेट जाएं। एक चीज का ध्यान रखें कि पीठ के बल लेटें। इसके बाद धीरे-धीरे अपने पैरों को दीवार पर टिकाएं।  इस दौरान आपका शरीर 90 डिग्री की मुद्रा में होना चाहिए। साथ ही अपने दोनों हाथों को बगल में रखें। अब इस मुद्रा में कुछ पल रुकें और आराम फरमाएं। अपनी शारीरिक क्षमता अनुसार विपरीत करनी करें। फिर पहली मुद्रा में आ जाएं।

डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।


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