Diabetes Problems: डायबिटीज़ और सीकेडी कैसे बन सकते हैं हार्ट फेलियर की वजह, जानें एक्सपर्ट से
Diabetes Problems अगर आप डायबिटीज़ के मरीज हैं तो आपको शुगर लेवल कंट्रोल में रखने के साथ समय-समय पर डॉक्टर से जांच कराते रहना भी जरूरी है। वरना इससे हार्ट फेल्योर की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। जानते हैं इस पर एक्सपर्ट की राय।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क, Diabetes Problems: गैर-संचारी रोग (एनसीडी) सार्वजनिक स्वास्थ्य की एक बड़ी चुनौती हैं, जिनका भारत में होने वाली कुल मौतों में लगभग 61% योगदान है। दुर्भाग्य से, एक-दूसरे से जुड़ी कई स्थायी बीमारियों की समस्या ने इस परेशानी को और भी बढ़ा दिया है। बीमारियों की ऐसी ही एक तिकड़ी, जो आमतौर पर पाई जाती है, वह है हार्ट फेलियर (एचएफ), डायबिटीज मेलिटस (डीएम) और क्रॉनिक किडनी डिसीज (सीकेडी)।
अध्ययन बताते हैं कि हार्ट फेलियर के मरीजों में से लगभग 25-40% को डायबिटीज होता है और एचएफ के लगभग 40 से 50% मरीजों को क्रॉनिक किडनी डिसीज (सीकेडी) है। इसके अलावा, हार्ट फेलियर के वे मरीज, जिन्हें डायबिटीज और सीकेडी भी हैं, उन्हें हार्ट फेलियर के कारण अस्पताल में भर्ती होने और मरने का बहुत ज्यादा जोखिम होता है। इसलिए, हार्ट फेलियर की प्रगति को रोकने के लिए कार्डियोलॉजिस्ट (हृदय रोग विशेषज्ञ) के साथ नियमित परामर्श और सामयिक उपचार जरूरी है। यह भी महत्वपूर्ण है कि मरीज सांस छोटी होने, तेज या अनियमित धड़कन, पैरों में सूजन और लगातार रहने वाले कफ जैसे लक्षणों पर पैनी नजर रखें।
फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टिट्यूट, नई दिल्ली में हदय विज्ञान के अतिरिक्त निदेशक डॉ. विशाल रस्तोगी ने अपना अनुभव बताते हुए कहा, “मैंने अपने चिकित्सकीय अवलोकन में देखा कि हार्ट फेलियर के 50% से ज्यादा मरीजों में स्वास्थ्य की संबद्ध स्थितियां, जैसे डायबिटीज, मोटापा और सीकेडी भी थीं। इसलिए मरीजों को उपचार का एक व्यापक अप्रोच चाहिए, जिसमें उपचार के बताए गए कार्यक्रम का कठोर अनुपालन हो। नियमित जांच और हृदय रोग विशेषज्ञ को स्वास्थ्य
के मापदंड में छोटे बदलावों की भी सूचना देने से परेशानी के समय कदम उठाने में मदद मिलेगी, जिससे हार्ट फेलियर के गंभीर परिणामों से बचा जा सके।”
हार्ट फेलियर के मरीजों के लिए हृदय को स्वस्थ रखने के तरीके:
- लक्षणों पर नजर रखें: अपने शरीर में होने वाले छोटे बदलावों पर भी नजर रखें और उनकी सूचना अपने हृदय रोग विशेषज्ञ को दें
- हेल्दी डाइट लें: हार्ट फेलियर, किडनी डिसीज और डायबिटीज साथ में होने पर अच्छी तरह से शोध की गई आहार योजना जरूरी होती है। तो किसी डाइटिशियन या हार्ट डिजीज़ एक्सपर्ट से इसकी सलाह लें।
- उपचार का अनुपालन: जब कोई लक्षण न दिखे, तब मरीज दवाएं लेना बंद कर देते हैं। याद रखें कि हार्ट फेलियर एक शांत रोग है। उपचार का अनुपालन नहीं करने से गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं।
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