मधुमेह के मरीज शुगर कंट्रोल करने के लिए रोजाना पिएं दालचीनी वाला दूध
भोजन का स्वाद बढ़ाने के लिए दालचीनी का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें एंटी ऑक्सिडेंट्स और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण भी पाए जाते हैं जो डायबिटीज में सहायक सिद्ध होते हैं। विशेषज्ञ टाइप 2 डायबिटीज और इंसुलिन रेसिस्टेंस में इसका सेवन करने की सलाह देते हैं।
दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। मधुमेह में शुगर कंट्रोल करना मुश्किल टास्क होता है। इस बीमारी में रक्त में शर्करा स्तर बढ़ जाता है और अग्नाशय से इंसुलिन हार्मोन निकलना बंद अथवा कम हो जाता है। इसके चलते कई अन्य बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। इससे बचाव के लिए मधुमेह के मरीजों को अपनी सेहत पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इसके लिए सही दिनचर्या का पालन, उचित खानपान और रोजाना वर्कआउट करें। साथ ही मीठे चीजों से परहेज करें और नियमित रूप से शुगर की जांच करनी चाहिए। इन नियमों का पालन करने से शुगर कंट्रोल में रहता है। अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं और शुगर कंट्रोल करना चाहते हैं, तो रोजाना दालचीनी वाला दूध जरूर पिएं। कई शोधों में साबित हो चुका है कि दालचीनी वाला दूध शुगर कंट्रोल करने में कारगर है। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-
दालचीनी का सेवन करें
भोजन का स्वाद बढ़ाने के लिए दालचीनी का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें एंटी ऑक्सिडेंट्स और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण भी पाए जाते हैं, जो डायबिटीज में सहायक सिद्ध होते हैं। विशेषज्ञ टाइप 2 डायबिटीज और इंसुलिन रेसिस्टेंस में इसका सेवन करने की सलाह देते हैं। इसके लिए एक लीटर पानी में तीन चम्मच दालचीनी पाउडर को 20 मिनट तक उबालकर दालचीनी वाला पानी का दिनभर सेवन करें। इससे ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है। साथ ही दालचीनी वाली चाय का भी सेवन कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, दालचीनी वाला दूध का भी सेवन कर सकते हैं।
दूध पिएं
जर्नल ऑफ डेयरी साइंस में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, सुबह के नाश्ते में दूध पीने से ब्लड शुगर दिनभर कम अथवा नियंत्रित रहती है। यह कार्बोहाइड्रेट्स की पाचन क्रिया को धीरे करने में सफल होता है, जिससे दिनभर ब्लड शुगर नियंत्रित रहती है। इसके लिए डायबिटीज के मरीजों को रोजाना सुबह में नाश्ते के समय दालचीनी वाला दूध का सेवन जरूर करना चाहिए।
डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।