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डायबिटीज के मरीज शुगर कंट्रोल करने के लिए रोजाना करें प्राण मुद्रा

रिसर्च गेट पर छपी एक शोध में योग के फायदे को विस्तार से बताया गया है। इस शोध की मानें तो डायबिटीज में योग मुद्रा प्रभावी होती है। इससे शुगर कंट्रोल करने में मदद मिलती है और मेटाबॉलिज़्म सक्रियता बढ़ती है। इसके लिए रोजाना प्राण मुद्रा जरूर करें।

By Pravin KumarEdited By: Published: Sat, 24 Jul 2021 12:09 PM (IST)Updated: Sat, 24 Jul 2021 12:09 PM (IST)
डायबिटीज के मरीज शुगर कंट्रोल करने के लिए रोजाना करें प्राण मुद्रा
रिसर्च गेट पर छपी एक शोध में योग के फायदे को विस्तार से बताया गया है।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। डायबिटीज के मरीजों की संख्या में रोजाना बड़ी तेजी से इजाफा हो रहा है। विश्व मधुमेह संघ की मानें तो भारत में डायबिटीज के मरीजों की संख्या सबसे अधिक है। यह बीमारी रक्त में शर्करा स्तर बढ़ने और अग्नाशय से इंसुलिन हार्मोन न निकलने के चलते होती है। इस बीमारी में मीठे चीजों को खाने की मनाही होती है। लापरवाही बरतने पर कई अन्य बीमारियां दस्तक देती हैं। इसके लिए रोजाना सही दिनचर्या का पालन, उचित खानपान, एक्सरसाइज और योग जरूर करें। डॉक्टर्स भी शुगर कंट्रोल करने के लिए योग करने की सलाह देते हैं। खासकर योग मुद्रा डायबिटीज रोग में किसी वरदान से कम नहीं है। अगर आप भी डायबिटिजज के मरीज हैं और शुगर कंट्रोल करना चाहते हैं, तो रोजाना प्राण मुद्रा, सूर्य मुद्रा और शिवलिंग मुद्रा जरूर करें। आइए, प्राण मुद्रा के बारे में सबकुछ जानते हैं-

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प्राण मुद्रा

प्राण का संबंध जीवन से होता है। आसान शब्दों में कहें तो प्राण मुद्रा करने से शरीर में ऊर्जा का संचार होता है। योग विशेषज्ञों की मानें तो वायुमंडल में उपस्थित पांचों तत्वों को मिलाने की क्रिया प्राण मुद्रा है। इस मुद्रा को करने से शरीर के सभी अंगों में सक्रियता बढ़ती है। खासकर डायबिटीज रोग में आराम मिलता है।

क्या कहती है शोध

रिसर्च गेट पर छपी एक शोध में योग के फायदे को विस्तार से बताया गया है। इस शोध की मानें तो डायबिटीज में योग मुद्रा प्रभावी होती है। इससे शुगर कंट्रोल करने में मदद मिलती है और मेटाबॉलिज़्म सक्रियता बढ़ती है। इसके लिए रोजाना प्राण मुद्रा जरूर करें।

कैसे करें प्राण मुद्रा

इस योग को किसी समय किया जा सकता है। इसके लिए स्वच्छ और शांत वातावरण में दरी बिछाकर पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं। अब छोटी उंगली और अनामिका को अगूंठे से स्पर्श करें। वहीं, बाकी की उंगलियों को एक सीध (सीधा) में रखें। इसके बाद आंखों को बंदकर अपनी सांस पर ध्यान लगाएं। शोध की मानें तो प्राण मुद्रा को कम से कम 15-45 मिनट करें।

डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।


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