दिवाली 2018: वायु प्रदूषण अस्थमा रोगियों के लिए है जानलेवा, इन उपायों से करें बचाव
दिवाली में जहां एक तरफ घर और आसपास की सफाई हेल्दी बने रहने के लिए करते हैं वहीं दूसरी तरफ पटाखों का धुआं सांस की तकलीफ के लिए जिम्मेदार होता है। जानते हैं कैसे बचें इससे।
पूरे देश में दिवाली को धूमधाम से मनाने के लिए तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। दिवाली के कुछ दिन पहले से ही हम अपने घर और आस पड़ोस की साफ-सफाई करते हैं, जिससे हमारा वातावरण स्वच्छ और हम सब स्वस्थ रहें। लेकिन दिवाली के दिन पटाखों से निकलने वाला धुआं हमारे लिए सांस की तकलीफ बढ़ा देती हैं।
दिवाली के समय फसलों की कटाई के बाद खेतों में बचे अपशिष्टों को जलाने से भी वायु प्रदूषण बढ़ जाता है। पटाखों और पराली जलाने से निकलने वाला धुआं हम सभी के लिए हानिकारक होता है। लेकिन अस्थमा रोगियों के लिए तो यह जानलेवा साबित हो सकता है। तो आज जानेंगे ऐसे प्रदूषण भरे माहौल में कैसे खुद को बचाकर हेल्दी रहा जा सकता है।
अस्थमा रोगियों के लिए मालिश है खास
अस्थमा में सबसे जरूरी है- वक्षस्थल की मालिश। मालिश के लिए तिल का तेल या सरसों के तेल में सेंधा नमक मिलाकर, गुनगुना कर उससे मालिश करें। सेंधा नमक की जगह कर्पूर भी मिलाया जा सकता है। और हां मालिश के बाद सिकाईं करना भी इतना ही जरूरी है।
हल्दी होती है फायदेमंद
इस बीमारी में हल्दी भी बहुत ही फायदेमंद होती है। 1 ग्लास दूध में आधा चम्मच हल्दी डालकर पी सकते हैं। हल्दी को घी में भूनकर 1 चम्मच सुबह-शाम शहद या गुनगुने पानी के साथ सेवन करने से इस बीमारी में बहुत लाभ मिलता है। इसके अलावा 1 ग्राम शीतोपलादि चूर्ण और 3 ग्राम वासावलेह दिन में दो बार लेने से भी बहुत फायदा मिलेगा।
गला साफ करने के लिए कुल्ला करें
अस्थमा में कुल्ला करना भी जरूरी एक्सरसाइज में शामिल है। इसके लिए लौंग, शुंठी, मरीच, पीपली और सेंधा नमक को बराबर मात्रा में लेकर पाउडर बना लें। अब 5-10 ग्राम पाउडर लेकर उसमें 10-20 मिली अदरक का स्वरस मिलाएं और उससे कुल्ला करें। दिन में 3-4 बार ऐसा करने से कफ़ की समस्या दूर हो जाएगी।
सरसों का तेल और गुड़
इस बीमारी में अपनी क्षमतानुसार 3 ,6 या 10 ग्राम सरसों के तेल में बराबर मात्रा में गुड़ मिलाकर लगातार 21 दिनों तक सेवन करें तो राहत मिलती है। इसके अलावा रोजाना सुबह-शाम 3 चम्मच हरिद्रा खंड, चित्रक हरीतकी, वासावलेह का के इस्तेमाल से भी बहुत लाभ मिलता है।
पंचकर्मा से मिलेगा लाभ
अस्थमा के रोगी को हम वमन, विरेचन, अभिज्ञम और स्वेदन पंचकर्मा करवा सकते हैं।
अस्थमा के रोगी इन बातों का भी रखें ध्यान
1. अस्थमा के रोगी को हमेशा गुनगुने पानी का प्रयोग करना चाहिए।
2. अस्थमा के रोगियों को कभी भी पेट भरकर खाना नहीं खाना चाहिए। शाम का खाना 8 बजे तक खा लेना चाहिए या सोने से 2-3 घंटे पहले।
3. खाना कम और सुपाच्य होना चाहिए। बहुत भारी खाना न खाएं।
4. अस्थमा के रोगियों को खासतौर से 2 चीज़ों पर ज़रूर ध्यान देना चाहिए। पहला कब्ज न हो और दूसरा वजन न बढ़े।
5. डाइट में बकरी का दूध, शहद, तुलसी, हल्दी, अदरक, लहसुन को शामिल करें।
6. अनुलोम-विलोम, कपालभाति, कुम्ब्कीचक जैसे प्राणायाम और पवनमुक्त, शवासन और सर्वांगासन आसन करना चाहिए।
अस्थमा के रोगी क्या न करें
1. बहुत ज़्यादा ठंडी जगहों पर प्राणायाम और आसन करने से बचें।
2. ऐसे वातावरण में न रहें जहां पॉल्यूशन ज़्यादा हो।
3. बहुत ज़्यादा ठंडी, खुष्क चीज़ों, डिब्बा बंद भोजन, तली और ज़्यादा मिर्च-मसालेदार भोजन करने से बचें।
4. अस्थमा के रोगियों को भैंस का दूध और उसका घी, दही, राजमा, छोले, उड़द, मटर, गोभी, भिंडी आलू, अरबी, कटहल इन सबका प्रयोग नहीं करना चाहिए।
इन चीज़ों का पालन करके आप दिवाली ही नहीं उसके बाद भी हेल्दी और हैप्पी रह सकते हैं।