Covid-19 New Symptoms:दांतों का गिरना क्या कोविड-19 का एक और नया लक्षण है?
Covid-19 New Symptoms न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक कोविड-19 की चपेट में आए कुछ लोगों में कमजोर मसूड़ों और दांत टूटने की समस्या देखी गई है। वैज्ञानिक ये जानने में जुटे हैं कि क्या वाकई कोरोना वायरस दातों की सॉकेट को कमजोर कर सकता है।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। कोरोनावायरस का प्रकोप जारी है। इसका बॉडी पर असर अलग-अलग तरह से हो रहा है। कोरोनावायरस के नए-नए चौंकाने वाले मामले सामने आ रहे हैं, अब एक नया मामला सामने आया है, जिसमें पाया गया है कि कोरोनावायरस दांतों को भी प्रभावित कर रहा है। न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोविड-19 की चपेट में आए कुछ लोगों में कमजोर मसूड़ों और दांत टूटने की समस्या देखी गई है। ऐसी घटनाओं के बाद वैज्ञानिक ये जानने में जुट गए हैं कि क्या वाकई कोरोना वायरस दातों की सॉकेट को कमजोर कर सकता है।
मामला न्यूयार्क का है जहां 43 साल की फराह खेमिली को अपने दांतों में अजीब सी झनझनाहट महसूस हुई, उन्होंने दांत को छूकर देखा तो पता लगा की उनका नीचे का दांत हिल रहा है। अगले दिन फराह का दांत उनके हांत में आ गया और दांत में ना तो दर्द हुआ और ना ही खून निकला।
उम्र से पहले दांत गिरने की वजह कुछ और नहीं बल्कि कोविड-19 है। कुछ ही दिनों पहले इस महिला को कोरोना संक्रमण हुआ था। संक्रमण के दौरान खैमिली एक ऐसे ऑनलाइन सपोर्ट ग्रुप को फॉलो करने लगीं, जहां लोगों ने इस बीमारी के लक्षण और अनुभव साझा किए हैं।
हालांकि शोधकर्ताओं के मुताबिक कोरोना संक्रमण से दांतों पर असर पड़ता है इसके पुख्ता सबूत नहीं मिले है। जिस सपोर्ट ग्रुप में महिला शामिल हुई थी, उसमें कई लोग शामिल थे जिन्हें संक्रमण के बाद दांत टूटने और मसूड़ों में सेंसटिविटी की परेशानी थी। कुछ डेंटिस्ट पर्याप्त डेटा न होने के बावजूद ऐसा मानते हैं कि कोविड-19 दांत से जुड़े लक्षणों का कारण बन सकता है।
इसके अलावा भी कोरोना की वजह से कुछ लोगों को बाल झड़ने की परेशानी हुई तो कुछ लोगों ने पैरों की उंगलियों पर सूजन का अनुभव किया।
यूनिवर्सिटी ऑफ उटाह के पीरियडॉन्टिस डॉ. डेविड ओकानो कहते हैं, 'किसी व्यक्ति के दांत का अचानक से सॉकेट से बाहर आ जाना बेहद हैरान करने वाला है। दांतों से जुड़ी ये समस्या और भी भयंकर हो सकती है। इस बीमारी से रिकवर होने के बाद भी लोगों में लंबे समय तक इसका असर रहता है।
हालांकि कुछ डेंटिस्ट एक्सपर्ट इस विषय पर और भी ज्यादा शोध की जरूरत महसूस करते हैं। सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन की साल 2012 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 30 साल या उससे ज्यादा उम्र के 47 प्रतिशत लोगों को पीरियडॉन्टल डिसीज, मसूड़ों में इंफेक्शन-इनफ्लेमेशन और दांतों के आस-पास हड्डियां कमजोर होने की समस्या हो सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना की चपेट में आने से पहले भी खैमिली को दांतों में दिक्कत होती थी। दांत झड़ने के अगले दिन जब वह डेंटिस्ट के पास गईं तो उन्हें बताया कि उनके मसूड़ों में कोई इंफेक्शन नहीं हुआ है, बल्कि स्मोकिंग की वजह से दांतों के आस-पास की हड्डियां कमजोर हो गई हैं। इसके बाद उन्हें किसी बड़े स्पेशलिस्ट से मिलने की सलाह दी गई।
खैमिली के पार्टनर ने सोशल मीडिया पर सर्वाइवर कॉर्प नाम के एक पेज को फॉलो किया। यहां उन्हें पता चला कि इस पेज की फाउंडर डायना बैरेंट के 12 साल के बेटे को भी हू-ब-हू ऐसी ही दिक्कतें हुई हैं। बच्चे में कोविड-19 के हल्के लक्षण दिखे थे, जिसके बाद उसका एक दांत टूट गया था। ऑर्थोडॉन्टिस्ट का कहना है कि बच्चा एकदम सेहतमंद था और उसके दांतों में पहले ऐसी कोई समस्या भी नहीं थी
Written By: Shahina Noor