COVID-19 Infection: जानें, कोरोना होने के कितने दिनों के बाद दूसरे लोगों को आपसे संक्रमण नहीं फैलता?
COVID-19 Infection कोरोना वायरस मानव शरीर के श्वसन तंत्र को अटैक करता है जिसकी वजह से कई मरीज़ों में सांस लेने में दिक्कत आती है। हालांकि ज़्यादातर लोग घर में होम आइसोलेशन की मदद से इस बीमारी को मात दे पा रहे हैं।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। COVID-19 Infection: भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लेहर बेहद जानलेवा साबित हो रही है। इस साल कोरोना वायरस संक्रमण दुगनी रफ्तार से लोगों को संक्रमित कर रहा है। आज भारत में कोरोना के ताज़ा मामलों की संख्या एक बार फिर 4 लाख से ज़्यादा हो गई है।
कोरोना वायरस मानव शरीर के श्वसन तंत्र को अटैक करता है, जिसकी वजह से कई मरीज़ों में सांस लेने में दिक्कत आती है। हालांकि, ज़्यादातर लोग घर में होम आइसोलेशन की मदद से इस बीमारी को मात दे पा रहे हैं। इसी बीच एक सवाल है, जिसका जवाब कई लोग जानना चाह रहे हैं। वह ये है कि कोरोना का मरीज़ कितने दिनों तक संक्रमण दूसरों में फैला सकता है?
#COVID19 patient becomes non-infectious mostly 10 days after symptom onset
Hence, Negative RT-PCR test after home isolation is not required if patient is not having symptoms and no fever for last few days
- Dr. Vineet Chadha #Unite2FightCorona
📽️https://t.co/EVfUY6n4bB" rel="nofollow— PIB India (@PIB_India) May 6, 2021
एक वेबीनार में इस सवाल का जवाब देते हुए डॉ. विनीत चड्ढा ने बताया कि एक कोविड-19 का मरीज़ बीमारी के 10 दिन बाद आमतौर पर संक्रमण को नहीं फैलाता। यही वजह है कि होम आइसोलेशन के दौरान अगर लगातार 3-4 दिनों तक बुख़ार या दूसरे लक्षण नहीं दिखते हैं, तो मरीज़ को नेगेटिव सर्टीफिकेट की ज़रूरत नहीं है। यानी अगर आप एक हफ्ते के बाद कोरोना के लक्षण महसूस नहीं कर रहे हैं, तो इसका मतलब आप इस बीमारी से उबर चुक हैं।
पिछले साल हुई रिसर्च में ये बात आई सामने
सिंगापुर स्थित राष्ट्रीय संक्रामक रोग केंद्र (एनसीआईडी) के पिछले साल हुए अध्ययन में यह दावा किया गया था कि मरीज़ 10 दिन बाद संक्रमण से मुक्त हो जाता है। शोधकर्ताओं ने अलग-अलग अस्तपालों में भर्ती 73 संक्रमितों से वायरस के प्रसार का ख़तरा आंका गया। उन्होंने पाया कि लक्षण उभरने के सात दिन तक तो मरीज में वायरस की संख्या बढ़ने और हवा में उसका प्रसार होने की आशंका बहुत अधिक रहती है, लेकिन आठवें से दसवें दिन के भीतर यह वायरस कमज़ोर पड़ने लगता है और 11वां दिन बीतते-बीतते पूरी तरह से नष्ट हो जाता है।
गंभीर मरीज भी संक्रामक नहीं रहते
रिसर्च में शामिल डॉक्टर की मानें तो शोध के नतीजे बेहद सटीक हैं। इन्हें कोविड-19 से जूझ रहे ज्यादातर मरीजों पर लागू करना सुरक्षित है, फिर चाहे वे गंभीर रूप से ही संक्रमित क्यों न हों। हालांकि, गंभीर रूप से बीमार मरीजों को लंबे समय तक सघन चिकित्सा की जरूरत पड़ती है। इसलिए अलग रखने की आवश्यकता न होने के बावजूद उन्हें 11 दिन बाद छुट्टी देना मुनासिब नहीं रहेगा, क्योंकि वे दूसरों में संक्रमण भले ही न फैलाएं, लेकिन उनकी खुद की जान को खतरा हो सकता है।