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ओमीक्रोन वैरिएंट के खिलाफ दूसरी वैक्सीन से ज़्यादा असरदार साबित हो सकती है कोवैक्सीन: ICMR

कोवैक्सीन के डोज़ बाकी मौजूदा वैक्सीन के मुकाबले ज्यादा प्रभावी हो सकते हैं। क्योंकि यह इनएक्टिवेटेड वायरस की तकनीक पर बनाया गया टीका है जो कि पूरे वायरस को ही निष्क्रिय कर देता है और यह नए वैरिएंट से सुरक्षाा भी प्रदान करता है।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Fri, 03 Dec 2021 01:05 PM (IST)Updated: Fri, 03 Dec 2021 04:37 PM (IST)
ओमीक्रोन वैरिएंट के खिलाफ दूसरी वैक्सीन से ज़्यादा असरदार साबित हो सकती है कोवैक्सीन: ICMR
ओमीक्रोन वैरिएंट के खिलाफ दूसरी वैक्सीन से ज़्यादा असरदार साबित हो सकती है कोवैक्सीन: ICMR

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। पिछले हफ्ते आया कोरोना वायरस का नया वैरिएंट ओमीक्रोन ने दुनियाभर में तेज़ी से ख़तरा फैलाना शुरू कर दिया है। भारत के कर्नाटक में भी दो मामले सामने आए हैं। जिसकी वजह से एक बार फिर लोगों के दिलों में डर पैदा होना शुरू हो गया है। लोग वैक्सीन की प्रभावशीलता पर भी शक़ कर रहे हैं। हालांकि, भारत में बनी कोरोना वैक्सीन- कोवैक्सीन को लेकर इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के एक्सपर्ट्स ने भरोसा जताया है कि यह ओमीक्रोन के खिलाफ भी सुरक्षा देगी।

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ICMR के अधिकारी ने बताया कि भारत बायोटेक द्वारा बनाई गई कोविड वैक्सीन 'कोवैक्सीन' कोरोना वायरस के नए वैरिएंट 'ओमीक्रोन' के खिलाफ बाकी टीकों की तुलना ज़्यादा असरदार साबित हो सकती है। अधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर बताया कि कोवैक्सीन के डोज़ बाकी मौजूदा वैक्सीन के मुकाबले ज्यादा प्रभावी हो सकते हैं। क्योंकि यह इनएक्टिवेटेड वायरस की तकनीक पर बनाया गया टीका है, जो कि पूरे वायरस को ही निष्क्रिय कर देता है और यह नए वैरिएंट से सुरक्षाा भी प्रदान करता है।

उन्होंने कहा, "कोवैक्सीन को इससे पहले कोरोना के अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ भी कारगर करार दिया जा चुका है। इसलिए हम मान सकते हैं कि यह बाकी वैरिएंट्स के खिलाफ भी उतनी ही कारगर साबित होगी। हालांकि, अधिकारी ने साथ ही यह भी साफ किया कि वैक्सीन लगवा चुके लोगों को भी एहतियात बरत कर रहने की ज़रूरत है। उन्होंने बताया कि इस वैरिएंट के खिलाफ वैक्सीन की प्रभावशीलता को परखने के लिए जांच की जाएगी।"

एम्स के प्रमुख डॉ. रणदीप गुलेरिया ने पहले कहा था कि स्पाइक प्रोटीन क्षेत्र में ओमीक्रोन के 30 से अधिक म्यूटेशन हैं, जो इसे एक प्रतिरक्षा बचाव तंत्र विकसित करने की क्षमता प्रदान करते हैं, इसलिए टीकों की प्रभावकारिता का सावधानी से मूल्यांकन किया जाना चाहिए।

स्पाइक प्रोटीन की उपस्थिति एक वायरस को मेजबान कोशिका में प्रवेश करने में मदद करती है, जिससे यह तेज़ी से फैलता है और संक्रमण का कारण बनता है।

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।


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