Coronavirus vaccine: कोरोना संक्रमण हो चुका है, तो क्या तब भी लगवानी चाहिए वैक्सीन?
Coronavirus vaccine कुछ लोग ये समझ नहीं पाते हैं कि क्या वे वैक्सीन के योग्य हैं या नहीं ख़ासतौर पर जब उन्हें पहले कोरोना वायरस संक्रमण हो चुका है जो निश्चित रूप से चिंता का विषय ज़रूर है।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Coronavirus Vaccine: भारत में कोरोना वायरस वैक्सीन के दूसरे चरण को शुरू हुए 20 दिन से ज़्यादा का समय हो चुका है। लाखों लोगों को वैक्सीन से उम्मीदें हैं और उसे लगवाने को लेकर उत्साहित भी हैं, लेकिन वहीं कई लोग ऐसे भी हैं, जिनके ज़ेहन में वैक्सीन को लेकर कई तरह के सवाल और संदेह हैं।
कुछ लोग ये समझ नहीं पाते हैं कि क्या वे वैक्सीन के योग्य हैं या नहीं, ख़ासतौर पर अगर उन्हें पहले कोविड संक्रमण हो चुका है, जो निश्चित रूप से चिंता का विषय है। हालांकि, इसका जवाब हाल ही के एक अध्ययन से पता चलता है कि जिन लोगों को पहले कोरोना वायरस संक्रमण हो चुका है, उन्हें भी वैक्सीन ज़रूर लगवानी चाहिए।
कोविड वैक्सीन लेना कितना ज़रूरी है?
नौजवां हों या फिर बुज़ुर्ग, कोविड-19 की चपेट में कोई भी आ सकता है, इसलिए वैक्सीन लगवाना सभी के लिए ज़रूरी है। वैक्सीन ड्राइव के दूसरे चरण के अंतर्गत जो लोग आ रहे हैं, उन्हें वैक्सीन ज़रूर लगवानी चाहिए।
अगर पहले हो चुका है कोविड संक्रमण, तो क्या वैक्सीन लगवानी चाहिए?
जिन लोगों को कोविड संक्रमण हो चुका है, वे अब भी भ्रम की स्थिति से जूझ रहे हैं कि उन्हे कोविड वैक्सीन लेनी चाहिए या नहीं। मेडिकल जर्नल 'द लैंसेट' में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन के अनुसार, जो लोग वायरस की चपेट में आ चुके हैं, उनका वैक्सीन लगवाना भी बेहद महत्वपूर्ण है।
अध्ययन में लगभग 40 लाख लोगों के डेटा को देखा गया था, जिन्होंने यह जानने के लिए कि वे कोरोना से संक्रमित हैं या नहीं, कई कोविड परीक्षण करवाए थे। अगर उन्हें संक्रमण है, तो उनके दोबारा इस वायरस से संक्रमित होने के आसार कितने हैं?
530,000 से अधिक लोगों में से 2 प्रतिशत के टेस्ट सकारात्मक निकले, जबकि उसी साल महामारी की पहली लेहर के दौरान जो 3.3 लोग नेगेटिव पाए गए थे उनकी तुलना में 0.65 प्रतिशत फिर से कोरोना से संक्रमित पाए गए थे। इससे पता चला कि जिन लोगों को कोविड-19 संक्रमण हो चुका है, उन्हें वायरस के खिलाफ 80% सुरक्षा मिल जाती है। हालांकि, 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए संरक्षण दर 47 प्रतिशत तक कम हो गई है।
अध्ययन में पाया गया कि 65 वर्ष से ज़्यादा की आयु वाले लोगों को दोबारा संक्रमण होने का ख़तरा ज़्यादा है। इसलिए भले ही किसी व्यक्ति को पहले कोरोना वायरस क्यों न हो चुका हो, उसका टीका लगवाना भी उतनी ही महत्वपूर्ण है।
Disclaimer: इन फेसमास्क को आज़माने से पहले पैच टेस्ट ज़रूर कर लें। कई बार प्राकृतिक चीज़ों से भी एलर्जी का ख़तरा होता है। इसे लगाने पर अगर जलन महसूस हो, तो फौरन पानी से धो लें। ज़्यादा तकलीफ होने पर अपने डॉक्टर से ज़रूर सलाह कर लें।