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Coronavirus: क्या इंसान भी कर सकते हैं चमगादड़ और वनजीवों को कोरोना से संक्रमित?

Coronavirus कोरोना वायरस के आनुवांशिक वंश को ट्रेस करने वाले एक हालिया पेपर में इस बात के प्रमाण मिले कि यह संभवतः अपने वर्तमान रूप में चमगादड़ों में पहले विकसित हुआ।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Tue, 04 Aug 2020 02:14 PM (IST)Updated: Wed, 05 Aug 2020 05:53 PM (IST)
Coronavirus: क्या इंसान भी कर सकते हैं चमगादड़ और वनजीवों को कोरोना से संक्रमित?
Coronavirus: क्या इंसान भी कर सकते हैं चमगादड़ और वनजीवों को कोरोना से संक्रमित?

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Coronavirus: कोरोना वायरस जब से फैलना शुरू हुआ है, तब से कई लोग चमगादड़ों को इस वायरस को स्त्रोत मान रहे हैं। यहां तक कि सिर्फ कोरोना ही नहीं बल्कि कई तरह के वायरस के पीछे चमगादड़ को ज़िम्मेदार माना जाता है। लेकिन, एक और सवाल जो सभी को परेशान कर रहा है, वो है कि क्या इंसान जानवरों को कोरोना वायरस दे सकते हैं, खासकर चमगाड़ों को? 

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वैज्ञानिक सर्वसम्मति यह है कि वायरस की उत्पत्ति चीन या पड़ोसी देशों में चमगादड़ों से हुई थी। कोरोना वायरस के आनुवांशिक वंश को ट्रेस करने वाले एक हालिया पेपर में इस बात के प्रमाण मिले कि यह संभवतः अपने वर्तमान रूप में चमगादड़ों में पहले विकसित हुआ।

शोधकर्ताओं ने यह भी निष्कर्ष निकाला कि कोरोना वायरस या अन्य वायरस, जो मनुष्यों में भी फैले, वे चमगादड़ो में भी मौजूद थे। लेकिन अभी उनका पता नहीं लगा सका है।

तो नए चमगादड़ों को मौजूदा वायरस से संक्रमित करने की चिंता क्यों?

इस वक्त इसे बड़ी चिंता माना जा रहा है, चमगादड़ों की उस आबादी के लिए जो श्वेत-नाक सिंड्रोम नामक एक कवक रोग से तबाह हो गई है और साथ ही इंसानों के लिए, जिनके लिए आगे और परेशानियां खड़ी हो सकती हैं।

अमेरिका की जियोलॉजिकल सर्वे और द फिश एंड वाइल्ड सर्विसेज़, ये दो ऐसी एजेंसियां हैं, जो चमकादड़ों पर शोध में जुटी हैं। इन दो एजेंसियों ने इस मामले को बेहद गंभीर माना और 12 एक्सपर्ट्स का एक पैनल तैयार किया, जो उत्तरी अमेरिका में इंसानों से चमगादड़ों में SARS-CoV-2 वायरस के प्रसारण की जांच कर रहे हैं। 

रिपोर्ट के एक लेखक और इकोलिटिक्स एलायंस के शोध के उपाध्यक्ष केविन ओलिव ने कहा कि जैसे-जैसे यह वायरस दुनिया भर में फैलने लगा, एक वास्तविक चिंता थी कि ये न सिर्फ उत्तर अमेरिकी बल्कि दुनिया भर के वन्यजीवों की आबादी पर असर कर सकता है।

इसमें कई तरह के ख़तरे शामिल थे:

- एक संक्रमित वैज्ञानिक या वन्यजीव कार्यकर्ता, जो चमगादड़ों का सामना कर रहा है। 

- ऐसी स्थिति में चमकादड़ भी संक्रमित हो सकता है।

- एक संक्रमित चमगादड़ पूरी आबादी को संक्रमित कर सकता है।

इस रिसर्च के लेखकों ने निष्कर्ष निकाला कि इंसानों का चमगादड़ को कोरोना वायरस से संक्रमित करने का ख़तरा है। कितना बड़ा जोखिम? आप कह सकते हैं थोड़ा, छोटा या फिर कह नहीं सकते, लेकिन दो एजेंसियों द्वारा रिसर्च ये बताती है कि इस ख़तरे को अनदेखा नहीं किया जा सकता। 

इसके अलावा एक चिंता ये भी है कि कोरोना वायरस चमगादड़ों से दूसरे वन्य जीवन या पालतू जानवरों में कितनी जल्दी फैल सकता है। जिसमें पालतू कुत्ते, बिल्लयां, पक्षी भी शामिल हो सकते हैं। वैज्ञानिक ये पहले ही साबित कर चुके हैं कि पालतू बिल्लियां, जंगली बिल्लियां संक्रमित हो सकती हैं। यहां तक कि पालतू बिल्लियां एक दूसरे को संक्रमित कर सकती हैं।

गंधबिलाव भी आसानी से संक्रमित हो सकते हैं, यहां तक कि ऊदबिलाव भी। इस संदेह पर कि वे लोगों को बीमारी से संक्रमित कर रहे हैं, स्पेन और नीदरलैंड ने फर फार्म में हज़ारों ऊदबिलाव की जान लेली। कुछ पालतू जानवर पर संक्रमित पाए गए, जिसे बाद CDC ने कहा कि लोगों को पालतू जानवरों से कोरोना वायरस संक्रमण होने की संभावना बेहद कम है। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि किसी भी इंसान को अगर कोरोना वायरस होता है, तो उसे पालतू जानवर के साथ भी वही एहतियात बरतनी चाहिए, जो वो अपने परिवार के दूसरे सदस्यों के साथ बरतते हैं।


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