Coronavirus & Pneumonia: कोरोना वायरस के इन मरीज़ों में दिखते हैं निमोनिया गंभीर लक्षण
Coronavirus Pneumonia शोधकर्ताओं ने इसके लिए चीन के COVID-19 रोगियों के आंतों के लक्षणों की जांच की। इसके लिए उन्होंने 232 संक्रमित रोगियों के डेटा इकट्ठा किेए।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Coronavirus & Pneumonia: लैंसेट गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और हेपाटोलॉजी जर्नल में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, शोधकर्ताओं ने हाल ही की एक रिसर्च में पाया है कि कोरोना वायरस के ज़्यादातर मरीज़ जो डायरिया से भी ग्रस्त थे, उनमें निमोनिया के गंभीर लक्षण पाए गए, जबकि जिन मरीज़ों को डायरिया की शिकायत नहीं थी उनमें निमोनिया का स्तर गंभीर नहीं पाया गया।
232 रोगियों पर हुआ रिसर्च
इन शोधकर्ताओं ने इस रिसर्च के लिए चीन में कई चिकित्सा केंद्रों से COVID-19 वाले रोगियों के आंतों के लक्षणों की जांच की। इसके लिए उन्होंने कोरोना वायरस से संक्रमित 232 रोगियों के डेटा इकट्ठा किए और उनका विश्लेषण किया, जो जनवरी 19 से 6 मार्च तक अस्पताल में भर्ती हैं। इनमें से दो मरीज़, जिन्हें पहले से मधुमेह था, उन्हें शामिल नहीं किया गया।
कोरोना वायरस का आम लक्षण
इन मरीज़ों में कोरोना वायरस का सबसे आम और पहला लक्षण बुख़ार, खांसी और बलग़म आना था। इनमें से 49 मरीज़ों में डायरिया देखा गया। रिसर्च के मुताबिक, जिन मरीज़ों को डायरिया था उनकी उम्र भी ज़्यादा थी।
डायरिया और निमोनिया
शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि जिन रोगियों को डियारिया नहीं था उनकी तुलना में डायरिया वाले रोगियों में निमोनिया के गंभीर लक्षण दिखाई दिए। इसके अलावा डायरिया से पीड़ित कोरोना वायरस के मरीज़ों को वेंटीलेटर की भी ज़रूरत पड़ी, जबकि डायरिया और ऑक्सीजन की कमी में कोई रिश्ता नहीं है।
साथ ही शोधकर्ताओं ने ये भी पाया कि एंटीवायरल, लोपीनाविर और राइटोनाविर जैसी दवाइयों से डायरिया होता है।
निमोनिया के शुरुआती लक्षण क्या हैं?
निमोनिया वायरस, बैक्टीरिया, परजीवी के कारण होने वाला रोग है। ये सब श्वास के द्वारा फेफड़ों में पहुंचकर संक्रमण कर देते हैं। स्ट्रेप्टोकोकस नामक बैक्टीरिया के कारण यह सबसे अधिक फैलता है। सर्दी-जुकाम जल्दी ठीक नहीं होने पर यह धीरे-धीरे निमोनिया में बदल जाता है। इस रोग में फेफड़ों में कफ अथवा तरल पदार्थ जमा हो जाता है, जिस कारण सांस लेने में कठिनाई होती है।
निमोनिया के सामान्य संकेत और लक्षण बलगम या खून के साथ खांसी, शरीर के तापमान का 101 डिग्री या इससे अधिक ऊपर होना, अत्यधिक पसीना और ठंड लगना, सांस लेने में कठिनाई, मतली और उल्टी, छाती क्षेत्र में दर्द, घरघराहट, खाने या पीने में दिक्कत, ऊर्जा की कमी।