कोरोना के मरीजों के तनाव लेने से बढ़ता है मौत का खतरा
कोरोनावायरस से संक्रमित मरीज को ज्यादा तनाव लेने से बचना चाहिए नहीं तो यह तनाव उनकी मौत का कारण भी बन सकता है।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। कोरोना का खौफ हर इंसान पर सवार है। लोग इस बीमारी से बचने के लिए अपनी हर तरह से हिफाजत करते हैं। जो लोग इसकी चपेट में आ जाते हैं, वो हर वक्त तनाव से जूझते रहते हैं। हाल ही में की गई एक रिसर्च में यह दावा किया गया है कि कोरोनावायरस से संक्रमित मरीज को ज्यादा तनाव लेने से बचना चाहिए, नहीं तो यह तनाव उनकी मौत का कारण भी बन सकता है। तनाव लेने के कारण इंसान को कई प्रकार की बीमारियां हो जाती हैं। कोरोना वायरस से संक्रमित होने के कारण व्यक्ति का दिमाग तरह-तरह की बातों को सोचता है और इसी कारण उसे लंबे समय तक स्ट्रेस की भी समस्या हो जाती है।
द लैंसेट डायबिटीज एंड एंडोक्रिनोलॉजी में प्रकाशित हुए एक अध्ययन के अनुसार, वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि तनाव लेने वाले लोगों में कोरोना वायरस के कारण मौत का खतरा कई गुना तक बढ़ जाता है। दरअसल, कार्टिसोल हार्मोन का स्तर बढ़ने के कारण यह खतरा उत्पन्न होता है।
शोधकर्ताओं ने इस बारे में भी जानकारी दी है कि एक स्वस्थ आदमी के शरीर में कार्टिसोल हार्मोन का स्तर 100- 200 NM/L होता है। इस हार्मोन की खास बात यह है कि सोते समय इसकी स्थिति शून्य हो जाती है, जबकि तनाव की स्थिति में इसका स्तर कई गुना तक बढ़ जाता है।
इस शोध में यह देखा गया कि कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों को सामान्य रूप से कहीं ज्यादा तनाव होता है। ऐसे में यदि तनाव का स्तर अधिक बढ़ा तो इसका सीधा प्रभाव कॉर्टिसोल हार्मोन में बढ़ोत्तरी के रूप में सामने आता है। इसलिए मौत के खतरे से बचे रहने के लिए जरूरी है कि तनाव बिल्कुल भी ना लें।
कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज जो अपना इलाज करवा रहे हैं, उन्हें एहतियात के तौर पर किसी मनोरंजन के साधन का इस्तेमाल करना चाहिए। उन्हें कोशिश करनी चाहिए कि वह संक्रमित होने के बाद बिल्कुल भी ना घबराएं और जल्द से जल्द रिकवरी की उम्मीद करते हुए सभी टिप्स को सावधानी से फॉलो करें। अपने दिमाग को खुश रखने के लिए अलग-अलग चीजों का सहारा लेना चाहिए, ताकि तनाव को कंट्रोल करने में मदद मिल सके।
Written By Shahina Noor