हाइपरटेंशन को कंट्रोल करने के लिए रोजाना करें हेजलनट्स का सेवन
सूखे मेवे और फलों को नट्स कहा जाता है। इसका स्वाद मीठा और रंग भूरा एवं पीला होता है। इसमें कई औषधीय गुण पाए जाते हैं जो अनेकों बीमारियों में फायदेमंद होते हैं। डॉक्टर ब्लड प्रेशर समेत अन्य बीमारियों में हेजलनट्स खाने की सलाह देते हैं।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। आजकल हाइपरटेंशन आम समस्या बन गई है। ब्लड प्रेशर यानी उच्च रक्त को अंग्रेजी में हाइपरटेंशन कहा जाता है। इसका मुख्य कारण तनाव और अनुचित खानपान है। हाइपरटेंशन में दिल की धमनियों में रक्त संचरण बड़ी तेजी से होने लगता है। इससे थकान, सीने में दर्द, सिर में तेज दर्द और सांस लेने मे तकलीफ आदि परेशानियां होती हैं। इसके चलते हार्ट अटैक, स्ट्रोक, मधुमेह समेत कई अन्य बीमारियां दस्तक देती हैं। विशेषज्ञों की मानें तो अधिकांश लोगों को उच्च रक्त चाप के बारे में पता नहीं है। इसके लिए 30 साल से अधिक उम्र के लोगों को नियमित रूप से उच्च रक्त चाप की जांच करानी चाहिए। अगर आप भी बढ़ते उच्च रक्तचाप को कंट्रोल करना चाहते हैं, तो रोजाना हेजलनट्स का सेवन करें। इसके सेवन से उच्च रक्तचाप यानी हाइपरटेंशन को कंट्रोल किया जा सकता है। आइए जानते हैं-
हेजलनट्स क्या है
सूखे मेवे और फलों को नट्स कहा जाता है। हेजलनट्स अन्य नट्स की तरह है। इसका स्वाद मीठा और रंग भूरा एवं पीला होता है। इसमें कई औषधीय गुण पाए जाते हैं, जो अनेकों बीमारियों में फायदेमंद होते हैं। इसके लिए डॉक्टर हमेशा ब्लड प्रेशर समेत कई अन्य बीमारियों में रोजाना हेजलनट्स खाने की सलाह देते हैं।
क्या कहती है शोध
researchgate.net पर छपी एक शोध में खुलासा हुआ है कि हेजलनट्स के सेवन करने से हाइपरटेंशन को कंट्रोल किया जा सकता है। इस शोध में विस्तार से बताया गया है। शोध की मानें तो हेजलनट्स में सोडियम कम और पोटैशियम अधिक मात्रा में पाई जाती है। साथ ही मैग्नीशियम, कैल्शियम, फाइबर, एंटीऑक्सिडेंट्स के गुण पाए जाते हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि हाइपरटेंशन को कम करने में पोटैशियम की भूमिका अहम होती है। इसके लिए हाइपरटेंशन के मरीजों को रोजाना हेजलनट्स का सेवन करना चाहिए। एक अन्य शोध में ब्लड प्रेशर से पीड़ित लोगों को रोजाना 50 ग्राम हेजलनट्स करने की सलाह दी गई है।
डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।