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Chapare Virus: वैज्ञानिकों ने खोजा एक नया वायरस जो लोगों में आसानी से फैल सकता है

Chapare Virus शोधकर्ताओं के बोलीविया में चापरे नाम के वायरस की खोज की गई है। ये वायरस लोगों को तेजी से संक्रमित करने की क्षमता रखता है। इस वायरस की चपेट में आने से इबोला वायरस की तरह ही तेज बुखार हो सकता है।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Thu, 19 Nov 2020 05:26 PM (IST)Updated: Thu, 19 Nov 2020 05:26 PM (IST)
Chapare Virus: वैज्ञानिकों ने खोजा एक नया वायरस जो लोगों में आसानी से फैल सकता है
कोरोना की तरह ही खतरनाक हो सकता है चापरे वायरस।

नई दिल्ली,लाइफस्टाइल डेस्क। कोरोनावायरस दुनियाभर के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। जितनी तेजी से इस वायरस का प्रसार हुआ है किसी ने उसकी कल्पना नहीं की थी। अब वैज्ञानिकों ने एक और वायरस की खोज की है जो कोरोना की तरह ही लोगों को परेशान कर सकता है। दक्षिण अमेरिकी देश बोलीविया में चापरे नाम के वायरस की खोज की गई है।

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अमेरिकी सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने इस वायरस की पुष्टि की है। शोधकर्ताओं के मुताबिक ये वायरस लोगों को तेजी से संक्रमित करने की क्षमता रखता है। इस वायरस की चपेट में आने से इबोला वायरस की तरह ही तेज बुखार हो सकता है। हालांकि इबोला वायरस को भी शुरू में काफी खतरनाक वायरस माना जाता था लेकिन वैज्ञानिकों ने उसपर अच्छे से काबू पा लिया।

शोधकर्ताओं के मुताबिक 2004 में बोलिविया के चापरे इलाके में सबसे पहले ये वायरस सामने आया था। क्योंकि ये वायरस चापरे में सबसे पहले देखा गया था इसलिए इसका नाम चापरे वायरस रखा गया है।

जहां एक तरफ दुनियाभर के वैज्ञानिक कोरोनावायरस से बचाव के उपाय खोज रहे हैं वहीं सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के शोधकर्ता इस वायरस से अवगत करा रहे हैं। शोधकर्ताओं के मुताबिक ये वायरस भी कोरोना की तरह ही खतरनाक है।

कुछ दिनों पहले, सीडीसी शोधकर्ताओं ने अमेरिकन सोसाइटी ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन एंड हाइजीन (एएसटीएमएच) की वार्षिक बैठक के दौरान खुलासा किया कि उन्होंने 2019 में बोलीविया में चेपर के प्रकोप की जांच करके पाया कि ये वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है।

इस वायरस के लक्षणों की बात करें तो इसकी चपेट में आने वाले लोगों को बुखार, पेट दर्द, उल्टी, मसूड़ों से खून निकलने, त्वचा पर छाले और आंखों में दर्द की शिकायत होती है।

लाइव साइंस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सीडीसी ने कहा कि 2019 में इस संक्रमण की चपेट में आए पांच में तीन लोग स्वास्थ्य कर्मी थे जिसमें से दो की मौत हो गई है। ‘चापरे वायरस’ संक्रमण का मामला 2019 में उजागर हुआ था।

शोधकर्ताओं के मुताबिक संक्रमण का खास इलाज न होने की वजह से ज्यादातर मरीजों को नसों से तरल पदार्थ देकर इलाज किया जाता है।

                     Written By: Shahina Noor


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