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CSIO चंडीगढ़ ने सैनिटाइज़िंग मशीन विकसित की, कोरोना वायरस में हो सकता है बहुत मददगार

BHEL के हरिद्वार उत्तर प्रदेश यूनिट में इलेक्ट्रॉस्टैटिक कीटाणुनाशक मशीन बनाया जा रहा है। इस मशीन की कीमत 50 हजार रुपये है।

By Umanath SinghEdited By: Published: Tue, 07 Apr 2020 06:06 PM (IST)Updated: Tue, 07 Apr 2020 06:06 PM (IST)
CSIO चंडीगढ़ ने सैनिटाइज़िंग मशीन विकसित की, कोरोना वायरस में हो सकता है बहुत मददगार
CSIO चंडीगढ़ ने सैनिटाइज़िंग मशीन विकसित की, कोरोना वायरस में हो सकता है बहुत मददगार

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। चंडीगढ़ स्थित केन्द्रीय वैज्ञानिक उपकरण संगठन ने एक इलेक्ट्रॉस्टैटिक कीटाणुनाशक मशीन विकसित की है, जो देश में कोरोना वायरस के खिलाफ इलाज में मदद करेगी। केन्द्रीय वैज्ञानिक उपकरण संगठन, वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद की एक राष्ट्रीय प्रयोगशाला है। यहां के वैज्ञानिक और औद्योगिक उपकरणों का उपयोग अनुसंधान, डिजाइन और विकास में किया जाता है। केन्द्रीय वैज्ञानिक उपकरण संगठन ने कोरोना वायरस को शिकस्त देने के लिए भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड ( BHEL ), दवा कंपनी सिप्ला और टीसीएस के साथ समझौता किया था। इस समझौते के तहत सैनिटाइज़ करने के लिए नई मशीन बनाने का करार किया गया था।

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अब जबकि CSIO ने इलेक्ट्रॉस्टैटिक कीटाणुनाशक मशीन विकसित कर ली है तो इसके उत्पादन के लिए BHELको आदेश दिया गया है। इसके आदेशानुसार BHEL के हरिद्वार, उत्तर प्रदेश यूनिट में इलेक्ट्रॉस्टैटिक कीटाणुनाशक मशीन बनाया जा रहा है। इस मशीन की कीमत 50 हजार रुपये है। इसकी कीमत के बारे में ऐसा कहा जाता है कि अधिक उत्पादन होने के बाद कीमत कम हो सकती है।

फ़िलहाल बाजार में  40-50 माइक्रोंस के सूक्ष्म जीवाणुओं को मारने की मशीन हैं, लेकिन यह 10-20 माइक्रोंस के सूक्ष्म जीवाणुओं को भी मार सकता है। यह अन्य मशीनों की तुलना में अधिक प्रभावी है।

इस बारे में और अधिक जानकारी देते हुए CSIO के वैज्ञानिक मनोज पटेल ने इंडिया साइंस वायर को बताया कि सफाई के लिए इस मशीन का इस्तेमाल घर और बाहर दोनों जगहों पर किया जा सकता है। इस मशीन का पहले बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डों जैसे सार्वजनिक स्थानों पर इस्तेमाल किया जाना था, लेकिन कोरोना वायरस से लड़ने के लिए अब इसका यूज़ घर में भी कर सकते हैं।

इसके आगे वैज्ञानिक पटेल ने कहा कि यह अन्य मशीनों की तुलना में अधिक कारगर है। यह 80 प्रतिशत अधिक हानिकारक सूक्ष्म कीटाणुओं को मारने में सक्षम है।


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