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पूरी तरह से रोका जा सकता है Cervical Cancer,फिर क्यों लाखों महिलाएं गवां बैठती हैं जान?

Curable Cervical Cancer क्या आप जानते हैं कि भारतीय महिलाओं में कैंसर से होने वाली मौत की सबसे आम वजह स्तन कैंसर के बाद सर्वाइकल कैंसर है?

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Fri, 30 Aug 2019 10:06 AM (IST)Updated: Fri, 30 Aug 2019 05:52 PM (IST)
पूरी तरह से रोका जा सकता है Cervical Cancer,फिर क्यों लाखों महिलाएं गवां बैठती हैं जान?
पूरी तरह से रोका जा सकता है Cervical Cancer,फिर क्यों लाखों महिलाएं गवां बैठती हैं जान?

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Curable Cervical Cancer: कैंसर न सिर्फ मरीज़ के लिए बल्कि पूरे परिवार के लिए एक त्रासदी की तरह होता है। क्या आप जानते हैं कि भारतीय महिलाओं में कैंसर से होने वाली मौत की सबसे आम वजह स्तन कैंसर के बाद सर्वाइकल कैंसर है? आपने बिल्कुल सही पढ़ा, आंकड़ों के अनुसार समय पर इलाज ना मिलने पर 15 से 44 वर्ष की आयु की महिलाओं में ये कैंसर उनकी मौत का दूसरा सबसे बड़ा कारण बन रहा है। हर साल सर्वाइकल कैंसर के एक लाख 32 हज़ार मामले सामने आते हैं जिनमें से 74,000 की मौत हो जाती है। यानी हर दिन कम से कम 200 महिलाएं सर्वाइकल कैंसर की वजह से अपनी जान गवां रही हैं।

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हैरानी की बात यह कि यह निराशाजनक आंकड़े तब हैं जब इस बीमारी से बचने के तरीके उपलब्ध हैं। इस बीमारी का अगर समय पर पता चल जाए तो यह रोके जाने, पता लगाने और प्रभावी रूप से इलाज योग्य भी है।  

क्या होता है सर्वाइकल कैंसर?
सर्वाइकल कैंसर सर्विक्स की लाइनिंग, यानी यूटरस के निचले हिस्से को प्रभावित करता है। सर्विक्स की लाइनिंग में दो तरह की कोशिकाएं होती हैं- स्क्वैमस या फ्लैट कोशिकाएं और स्तंभ कोशिकाएं। गर्भाशय ग्रीवा के क्षेत्र में जहां एक सेल दूसरे प्रकार की सेल में परिवर्तित होती है, उसे स्क्वेमो-कॉलमर जंक्शन कहा जाता है। यह ऐसा क्षेत्र है, जहां कैंसर के विकास की सबसे अधिक संभावना रहती है। गर्भाशय-ग्रीवा का कैंसर धीरे-धीरे विकसित होता है और समय के साथ पूर्ण विकसित हो जाता है। सर्वाइकल कैंसर ज्यादातर मानव पैपीलोमा वायरस या एचपीवी के कारण होता है। लगभग सभी ग्रीवा कैंसर एचपीवी में से एक के साथ दीर्घकालिक संक्रमण के कारण होता है।

सर्वाइकल कैंसर की वैक्सीन उपलब्ध
कई दशक पहले अमेरिका में, हर साल लगभग 120-130 हजार सर्वाइकल कैंसर के मामले सामने आते थे। कानून, स्क्रीनिंग और स्वास्थ्य शिक्षा के माध्यम से, अमेरिका इसे एक लाख से ज़्यादा से 8000 तक ले आने में कामयाब रहा। लेकिन यह रातों रात नहीं हुआ। सर्वाइकल कैंसर के मामलों में कमी आने में लगभग 30 साल लगे। उसी दौरान पैप स्मियर टेस्ट का भी खोज हुई। सर्वाइकल कैंसर के लिए एचपीवी वैक्सीन की पहले तीन खुराक होती थीं, लेकिन अब एक वैक्सीन भी उपलब्ध है।

सर्वाइकल कैंसर को अक्सर टीकाकरण और आधुनिक स्क्रीनिंग तकनीकों से रोका जा सकता है, जो गर्भाशय ग्रीवा में पूर्वकाल परिवर्तन का पता लगाता है। गर्भाशय-ग्रीवा के कैंसर का उपचार कई कारकों पर निर्भर करता है, जैसे कि कैंसर की अवस्था, अन्य स्वास्थ्य समस्याएं। सर्जरी, विकिरण, कीमोथेरेपी या तीनों को मिलाकर भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

भारत में कैसे रोका जा सकता है?
हमें अब अमेरिका की तरह 35 सालों का इंतज़ार करने की ज़रूरत नहीं है। अब एचपीवी वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा सकता है, जो पहले मौजूद नहीं थी। सर्वाइकल कैंसर 98 प्रतिशत से ज़्यादा एचपीवी 16 और 18 की वजह से होता है। इसलिए अगर हम पोलियो की तरह इसका टीकाकरण भी कम उम्र में ही शुरू कर दें, तो हम भारत से सर्वाइकल कैंसर को मिटा सकते हैं।  


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