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Brucellosis Outbreak: भारत में कितना ख़तरनाक साबित हो सकता है चीन का बैक्टीरिया? कोरोना जैसे हैं लक्षण

Brucellosis Outbreak कोरोना वायरस से अभी तक उबर नहीं पाए हैं कि इसी बीच एक और बीमारी ने दस्तक देकर सभी की नींद उड़ा दी है। चीन में एक और ख़तरनाक संक्रामक बैक्टीरियल बीमारी अपना कहर बरपा रही है।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Thu, 24 Sep 2020 07:07 PM (IST)Updated: Fri, 25 Sep 2020 10:00 AM (IST)
Brucellosis Outbreak: भारत में कितना ख़तरनाक साबित हो सकता है चीन का बैक्टीरिया? कोरोना जैसे हैं लक्षण
यह बीमारी भारत में प्रवेश कर चुकी है और मनुष्यों के साथ जानवरों को भी प्रभावित करने लगी है।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Brucellosis Outbreak: करीब 10 महीने पहले शुरू हुई कोरोना वायरस महामारी का क़हर अब भी भारत सहित  दुनियाभर में क़ायम है। वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या के मामले में अमेरिका के बाद भारत दूसरा सबसे ज़्यादा प्रभावित देश है। कोरोना वायरस से अभी तक उबर नहीं पाए हैं कि इसी बीच एक और बीमारी ने दस्तक देकर सभी की नींद उड़ा दी है। चीन में एक और ख़तरनाक संक्रामक बैक्टीरियल बीमारी अपना कहर बरपा रही है। कोरोना की तरह ये भी धीरे-धीरे काफी तेज़ी से बढ़ रही है। 

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साउथ चाइना मोर्निंग पोस्ट के आंकड़ों के मुताबिक, गांसू प्रांत की राजधानी लान्जो में अबतक 3 हज़ार से ज़्यादा लोग ब्रूसीलोसिस नाम के इस बैक्टीरिया के शिकार हो चुके हैं। आपको बता दें कि ब्रूसीलोसिस इंसानों और जानवरों दोनों को ही प्रभावित करता है। 

क्या है ब्रूसीलोसिस

ब्रूसीलोसिस एक बैक्टीरिया जनित बीमारी है जो खास तौर पर गाय, भेड़-बकरी, सुअर और कुत्तों को संक्रमित करती है। इंसानों में भी संक्रमण हो सकता है, अगर वे संक्रमित जानवर के संपर्क में आएं। जैसे कि संक्रमित पशु उत्पादों को खाने-पीने से या ऐसी हवा में सांस लेने से जहां बैक्टीरिया मौजूद हो। विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO का कहना है कि अक्सर ये बीमारी संक्रमित जानवरों से नहीं बल्कि पाश्चरीकृत दूध या पनीर लेने से इंसानों में आ रही है। हालांकि, इसमें इंसानों से इंसानों में बेहद कम संक्रमण होता है। WHO के मुताबिक, ये बीमारी दुनिया के कई देशों में पाई जाती रही है। इसका इलाज भी संभव है हालांकि, दवाइयों का सिलसिला एक-डेढ़ महीने तक चल सकता है। 

भारत में ब्रूसीलोसिस 

हाल ही में आई कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि यह बीमारी भारत में प्रवेश कर चुकी है और मनुष्यों के साथ जानवरों को भी प्रभावित करने लगी है। ऐसे में पहले ही कोरोना को लेकर चिंतित वैज्ञानिकों की चिंता इस बीमारी की वजह से और भी बढ़ गई है। वैज्ञानिक इस बात को लेकर चिंता में हैं कि अगर ये बीमारी भी कोविड-19 की ही तरह महामारी का रूप ले लेगी, तो ये देश के लिए बेहद ख़तरनाक साबित हो सकती है।

क्या हैं इसके लक्षण?

बीमारी के लक्षण आने में एक हफ्ते से लेकर दो महीने भी लग सकते हैं, लेकिन अक्सर दो से चार हफ्ते में लक्षण दिखने लगते हैं। इसके लक्षण हैं- बुखार, पसीना आना, थकान, भूख न लगना, सिर दर्द, वज़न घटना और मांसपेशियों में दर्द। कई लक्षण लंबे वक्त तक रह सकते हैं और कुछ कभी नहीं जाते। जैसे कि बार-बार बुखार होना, जोड़ों में दर्द, अंडकोष में सूजन, दिल या लिवर में सूजन, दिमागी लक्षण, थकान, तनाव आदि।  

ब्रूसीलोसिस के लिए भी नहीं है वैक्सीन 

रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि दोनों बीमारियों यानी कोरोना वायरस और ब्रूसीलोसिस के लक्षण लगभग एक जैसे हैं। हालांकि, इनमें एक अंतर यह है कि ब्रूसीलोसिस के रोगियों में गठिया, स्पॉन्डिलाइटिस (रीढ़ की सूजन) और अंडकोष में सूजन के भी लक्षण नज़र आते हैं। एक और बड़ा अंतर यह है कि कोविड-19 के लिए कोई इलाज उपलब्ध नहीं है, लेकिन ब्रूसीलोसिस के इलाज के लिए कई एंटीबायोटिक्स उपलब्ध हैं। वहीं, समानता यह है कि दोनों के लिए अभी तक कोई वैक्सीन विकसित नहीं हो पाई है।


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